28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तलवार दंपती ने अपना दर्द तो बयां किया लेकिन आरुषि के हत्यारों की सजा पर रहे खामोश

आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सवाल अब भी वही है, आखिर हत्यारें का क्या...

2 min read
Google source verification
arushi miuder case

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, तत्काल रिहा करें तलवार दंपती को

नोएडा. आरुषि और हेमराज की हत्या के आरोप में चार साल सजा काट रहे राजेश तलवार और नुपूर तलवार ने जेल से बाहर आने के बाद पहली बार अपने अनुभन साझा किए हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चार साल की सजा काटने के बाद जेल से वापस समाज में आकर रहना मुश्किल ही नहीं बल्कि थोड़ा डरावना भी है। पर उन्हें अच्छा लगा कि समाज का नजरिया अब उनके प्रति काफी बदल गया है। लेकिन इन सब बातों में तलवार दंपती कहीं-न-कहीं अपनी बेटी आरुषि तलवार के हत्यारों को भूल गए हैं। मीडिया से हुई बात-चीत के दौरान तलवार दंपती ने कहीं भी आरुषि-हेमराज हत्याकांड में आगे क्या होगा, इसपर कुछ भी नहीं बोला है। उन्होंने ये तक नहीं बताया कि वो इस हत्याकांड का मामला कोर्ट में उठाएंगे या नहीं। हालांकि आपको बतादें कि हेमराज की पत्नी ने हाल ही में यह बयान दिया था कि वह अपने पति के हत्यारों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।

यह भी पढ़ें- आरुषि हत्याकांड के 9 साल: चाची ने खोले केस से जुड़े कई अहम राज, जो शायद ही जानते होंगे आप

तलवार दंपति ने रिहाई के बाद बताया कि जेल से छूटने के बाद अब लोग उन्हें शक की निगाहों से नहीं बल्कि लोग उनसे सहानुभूति जताते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जब वह जेल से बाहर आने के बाद स्वर्ण मंदिर गए थे, तो वहां से भी सेवादार ने भीड़ होने के बाद भी उन्हें अंदर आने दिया। वहीं नुपूर तलवार ने बताय कि पिछले 4 साल डर और निराशा से भरे हुए थे लेकिन जेल के अंदर के लोगों ने इस बीच उनका काफी साथ दिया था। जेल के लोग उनसे अक्सर बात करने आते रहते थे। नूपुर तलवार ने बताया कि जेल अंदर एक लड़की की वजह से उनका चार साल काफी आसान हो गया था। उन्होंने बताया कि वह लड़की आरुषि से काफी मिलती-जुलती थी, 4 साल वह सिर्फ उस लड़की के कारण ही जेल में टिक सकी थी। राजेश तलवार ने अपने एक दोस्त का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जेल में रहने में काफी मदद की थी।

यह भी पढ़ें- आरुषि हत्याकांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से पहले जानें इस मिस्ट्री मर्डर केस की पूरी टाइम लाइन

बतादें कि आरुषि और हेमराज हत्या कांड में मर्डर केस में सितंबर 2016 से 11 जनवरी 2017 तक सुनवाई चली थी। गाजियाबाद के विशेष सीबीआई कोर्ट राजेश तलवार और नुपुर तलवार को 26 नवंबर, 2013 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 9 साल पहले 15/16 मई 2008 की रात को आरुषि तलवार की उसके घर में ही हत्‍या कर दी गई थी। इतने साल बीतने के बाद और तलवार दंपति को सजा मिलने के बावजूद आरुषि और हेमराज मर्डर केस के राज नहीं खुल पाया है।


15 मई 2008 की रात में नोएडा के सेक्टर-25, जलवायु विहार में आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई। 17 मई की सुबह फ्लैट की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद हुआ। इस मामले में नोएडा पुलिस ने 23 मई को आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 1 जून को यह केस सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया गया। 26 नवंबर 2013 में गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी। इस अपील पर हाईकोर्ट में अभी गुरुवार 12 अक्टूबर को सुनवाई चली। जिसके बाद तलवार दंपति को गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा कर दिया गया।