23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Assembly Election 2022: कहीं बढ़ती महंगाई बन न जाए सीएम योगी के लिए मुसीबत

UP Assembly Election 2022: पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण सब कुछ महंगा हो गया है। गरीब जनता का आलम ये है कि आमदी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाला हाल हो गया है।

2 min read
Google source verification
photo1634629187.jpeg

UP Assembly Election 2022: 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से वादा किया था कि वे सत्ता में आए तो महंगाई कम होगी। हालांकि अब वो इस मुद्दे पर कुछ बोल नहीं रहे हैं। इधर बीजेपी के सामने एक संकट है 2022 चुनाव यानी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव। उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि केंद्र की सत्ता कौन काबिज होगा। इसके साथ ही सीएम योगी की किस्मत फैसला भी यूपी की जनता के हाथों में ही है। लेकिन महंगाई बीजेपी के लिए यूपी चुनाव में संकट पैदा कर सकती है।

यह भी पढ़ें : UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी ही होंगी कांग्रेस का चुनावी चेहरा, कांग्रेस से होगा भाजपा का मुकाबला

महंगाई से त्रस्त है जनता

महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिसका सीधा असर जनता के जेब पर पड़ता है। 2022 चुनाव से पहले महंगाई लोगों को रुला रही है। टमाटर की कीमत आसमान छू रहा है तो वहीं प्याज का रेट बेहिसाब हो गया है। खाद के दामों में भी 265 रुपए तक का इजाफा हो गया है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण सब कुछ महंगा हो गया है। गरीब जनता का आलम ये है कि आमदी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाला हाल हो गया है।

सीएम योगी के हो सकता है संकट

बीजेपी सरकार महंगाई बड़ा मुद्दा बन गया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। चुनाव में एक हिस्सा ऐसे वोटर का होता है जो किसी पार्टी और जातिगत राजनीति से नहीं होता है। ये हिस्सा अपना फायदा-नुक्सान देख कर तय करता है कि वोट किसे देना है। ऐसे वोटरों को राजनीति के जानकार स्विंग वोटर कहते हैं और कई बार ये स्विंग वोटर ही डिसाईडिंग फैक्टर बन जाते हैं। उदाहरण के तौर बीते दिनों राजस्थान में हुए चुनाव को देखिए...’चुनाव में नारा था कि मोदी से वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं’। लेकिन यूपी की जनता के बीच ये नारा कुछ इस तरह सुनने को मिल रहा है ‘योगी से वैर नहीं, मोदी की खैर नहीं’। यानी साफ है कि यूपी की जनता के बीच महंगाई एक मुद्दा बनने लगा है।

महंगाई की मार झेल रही जनता

कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से व्यापारी वर्ग परेशान थे, अब महंगाई से परेशान हैं। व्यापरी वर्ग को बीजेपी अपना वोटर मानती है। बीजेपी का बेस वोटर गांव में भी हैं जो सीएम योगी यानी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट कर सकता है, लेकिन वो भी महंगाई से परेशान है। ये बात सीएम योगी को भी पता है। इसीलिए सीएम योगी अब बाजार वाले सियासत को लेकर सामने आए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब यूपी में तीन शब्द ऐसे हैं तो ज्यादा सुनाई देंगे और वो है...अब्बा जान, चचा जान और भाई जान और चौथा शब्द महंगाई है जिसे जनता तो बोलेगी, लेकिन वो सुनाई देंगे ये बड़ा सवाल है।

यह भी पढ़ें : शोरूम से ट्रायल के नाम पर कार लेकर भागे युवक ने किया ट्रैफिक सिपाही का अपहरण, मचा हड़कंप