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राम मंदिर पर फैसले के बाद इन हिन्दूवादी भाजपा नेताओं पर बढ़ा खतरा, सुरक्षा में तैनात होंगे इतने कमांडो

मुजफ्फरनगर दंगे में दोनों नेताओं का नाम आया था सामने मंत्री सुरेश राणा की सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी रहेंगे तैनात

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नोएडा. राम मंदिर पर फैसले के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिंदूवादी छवि वाले नेताओं को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद प्रशासन ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा के अलावा सरधना के फायरब्रांड भाजपा विधायक संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। गौरतलब है कि जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इनमें 5 कमांडों एनएसजी के होते हैं, जबकि बाकी अर्द्धसैनिक बलों के जवान होते हैं। जेड श्रेणी में स्‍थानीय पुलिसकर्मी भी सुरक्षा में तैनात रहते हैं।

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आपको बता दें कि इन दोनों नेताओं के नाम मुजफ्फरनगर दंगों में आया था। इससे पहले भी संगीत सोम को जेड प्‍लस सुरक्षा मिली हुई थी। इसके बाद केंद्र ने उनकी भी सुरक्षा वापस ले ली थी। इस बीच संगीत सोम के आवास पर हमला भी हुआ था। इसकी अब भी जांच चल रही है। अब संगीत सोम की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संगीत सोम को अब केंद्र की तरफ से उनको जेड प्‍लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके तहत अब सुरेश राणा की सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। शामली के एसपी अजय कुमार का कहना है कि उनको पत्र मिल गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि जेड प्‍लस श्रेणी सुरक्षा क्‍या है।

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भारत में चार कैटेगिरी की सुरक्षा व्‍यवस्‍था हैं। इनमें जेड प्‍लस, जेड, वाई और एक्‍स श्रेणी शामिल हैं। जेड प्‍लस कैटेगिरी की सिक्‍योरिटी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत देश की मुख्‍य हस्तियों को दी जाती है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को भी जेड प्‍लस की श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। जेड प्लस कैटेगिरी की सुरक्षा देने का निर्णय केंद्र सरकार लेती है। इसके तहत 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें नेशनल सिक्‍योरिटी गार्ड (NSG) और स्‍पेशल प्रोटेक्‍शन ग्रुप (SPG) के 10 कमांडों शामिल होते हैं। इसके अलावा अर्द्धसैनिक बलों के जवान शामिल होते हैं। इसमें शामिल कमांडो मार्शल आर्ट में माहिर होते हैं। उनके पास अत्‍याधुनिक ह‍थियार होते हैं। साथ ही काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है। एसपी अजय कुमार का कहना है कि सुरक्षा के तहत स्‍थानीय पुलिस की एक एस्‍कॉर्ट भी मिलती है। जिस थाने से भी वीआईपी का काफिला गुजरता है, संबंधित थाने की पुलिस उनको एस्‍कॉर्ट करती है।