
नोएडा.शनि जयंती इस बार 15 मई मंगलवार को मनाई जाएगी। दरअसल, एेसी धारणा है कि शनि का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या के दिन हुआ था। वहीं इस बार शनि जयंती के साथ-साथ वटसावित्री अमावस्या और भौमवती अमावस्या होने से सर्वार्थसिद्धि योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं कि मंगल के उच्च राशि में रहते हुए शनि जयंती 205 साल पहले यानी 30 मई 1813 में आई थी। इस दिन शनि की कुदृष्टी से बचने और शनि महाराज की कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा की जाती है। खासतौर पर इस दिन शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया या कुंडली में शनि की महादशा या अंतर्दशा की खराब स्थिति के कारण पीड़ित लोग कुछ उपाय करें तो उनके जीवन में खुशी जरूर लौटेगी।
पंडित चंद्रशेखर शर्मा के अनुसार, अमावस्या मंगलवार के दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुष्पद करण तथा मेष राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। वहीं इस साल ज्येष्ठ मास अधिकमास भी है। इसलिए प्रथम शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में आ रही अमावस्या का खास महत्व बन जाता है। इस दिन सुबह 10.57 बजे से सर्वार्थसिद्धि योग की शुरुआत होगी। इसका प्रभाव पूरे दिन रहेगा। इस महायोग में शनिदेव की आराधना करने वाले लोगों को शुभफल की प्राप्ति होगी।
हनुमान जी करेंगे कष्टों का निवारण
बता दें कि इस बार शनि जयंती मंगलवार को पड़ रही है। इसलिए ये दिन अपने आप में खास हो जाता है। इस दिन शनि के साथ हनुमान जी की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होगी। इसलिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग इस दिन शनि आराधना के साथ हनुमान जी को बेसन के लड्डू या हलवे का भोग जरूर लगाएं। इससे कष्टों का निवारण स्वत: ही हो जाएगा।
शनि जयंती पर करें ये जाप
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर शनि के वैदिक तथा बीज मंत्र ऊं खां खीं खूं सः मंदाय स्वाहाः के 21 माला जाप करें। शनिस्तवराज, महाकाल शनिमृत्युंजय स्तोत्र का पाठ तथा मंदिर में शनिदेव का तेलाभिषेक पूजन करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। वहीं निरंतर शारीरिक पीड़ा वाले लोग शनिवज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें और उसके बाद हर दिन एक पाठ नियमित करते जाएं। इससे समस्त प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।
इन वस्तुओं का करें दान
न्याय का देवता यानी शनि को काली उड़द, काले तिल, लोहे के बर्तन, श्रीफल, काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं प्रिय हैं। इसलिए शनि जयंती पर इन वस्तुओं का दान अवश्य करें। वहीं जरूरतमंदों को भी भोजन कराएं। साथ ही अस्पतालों में गरीब बीमार लोगों को दवा का दान करें। ऐसा करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।
Published on:
08 May 2018 12:40 pm
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