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सपा की दिग्गज सांसद को उसके घर के सामने गोली मारने वाला ये राजपूत अब भाजपा के लिए बनेगा बड़ी मुसीबत!

कांग्रेस लगातार भाजपा को निशाना साधते हुए इसे मोदी लहर का पतन करार दे रही है।

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सपा की दिग्गज सांसद को उसके घर के सामने गोली मारने वाला ये राजपूत अब भाजपा के लिए बनेगा बड़ी मुसीबत!

नोएडा। 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद जहां एक तरफ कांग्रेस में मानों जान भर गई है। वहीं चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है। कांग्रेस लगातार भाजपा को निशाना साधते हुए इसे मोदी लहर का पतन करार दे रही है। तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोग इसे सवर्ण समाज के लोगों का आक्रोष करार दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलाव का परिणाम ही है जो भाजपा को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तिसगढ़ में करारी हार मिली है। उधर, भाजपा अगामी 2019 लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने का दावा कर रही है।

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इस सबके बीच अगामी लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती हैं। कारण, एक ऐसे राजपूत ने मंच से बड़ा ऐलान कर दिया है जिसने समाजवादी पार्टी की दिग्गज सांसद की उसके ही घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद कहा जा रहा है कि इस ऐलान के बाद भाजपा के कब्जे से एक बड़ा वोट बैंक छिटक सकता है।

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दरअसल, सपा सांसद और दस्यू सुंदरी फूलन देवी की हत्या करने वाले शेर सिंह राणा ने रविवार को कवि नगर स्थित रामलीला मैदान में जन-आंदोलन में मंच से एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव पर सरकार पर निशाना साधते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि भाजपा का बड़ा वोट बैंक कहे जाने वाले ठाकुर शेर सिंह राणा की पार्टी की तरफ जा सकते हैं। जिसके चलते अगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।

राणा ने इस दौरान मंच से कहा कि उनकी पार्टी अगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी का नाम राष्ट्रवादी पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि केसरिया और हरा रंग के झंडे के हम सब राजपूत एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। राणा ने कहा कि अभी हम केवल पश्चिमी यूपी में ही चुनाव लड़ेंगे और सभी राजपूत यह संकल्प लें कि सभी एकजुट होंगे। अब केवल राजपूत और मुसलमान राजपूत एक मंच पर होकर इस झंडे को आगे बढ़ाएंगे।

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गौरतलब है कि अगस्त 2014 में दिल्ली की एक निचली कोर्ट ने फूलन देवी हत्याकांड के दोषी शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके करीब तीन साल बाद 17 फरवरी 2004 को ही वह तिहाड़ जेल से फिल्मी अंदाज में फरार हो गए थे। 17 मई 2006 को पुलिस ने उन्हें कोलकाता के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया था। तब उन्होंने कहा था कि वह अफगानिस्तान के गजनी इलाके में हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी अस्थियों को लेने के लिए फरार हुए थे। जिन्हें वे भारत लेकर ही लौटे हैं। जिसके बाद से ही ठाकुर समाज में शेर सिंह राणा की पैठ और भी मजबूत हो गई।