
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के असंतुष्ट नेता शिवपाल यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव की सियासी जंग का गवाह बनेगा। दरअसल दोनों ही मुस्लिम और पिछड़ों को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। आपको बता दे कि मुस्लिम और यादव सपा का मूल वोट बैंक है।
शिवपाल की कोशिश सपा में सेंध लगाने, जबकि अखिलेश की रणनीति पार्टी को टूट से बचाने की रहेगी। दरअसल शिवपाल की नजर सबसे पहले सपा के सभी असंतुष्टों को अपने झंडे के नीचे लाने की है। इसके लिए उन्होंने अपने संगठन सेक्युलर मोर्चा के 25 सितंबर से विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन करना तय किया है। वहीं, सपा की तरफ से 3 अक्टूबर से विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन की योजना है।
शिवपाल के सिपाहियों ने झौंकी ताकत
सपा से नाता तोड़कर पार्टी में उपेक्षितों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे शिवपाल यादव का सेक्युलर मोर्चा अब पश्चिमी यूपी में पूरी ताकत के साथ हुंकार भरने जा रहा है। पिछले महीने 30 अगस्त को मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में मोर्चे के बैनर एक राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के नाम से रैली का आयोजन किया जा चुका है। मोर्चे के प्रदेश महासचिव मरगूब त्यागी का कहना है कि 25 सितंबर से पश्चिमी यूपी और बाद में पूरे प्रदेश में जिला स्तरीय सम्मेलन होंगे।
25 को पहला सम्मेलन बागपत में होगा। जिसमें मोर्चे से दूसरी पंक्ति के नेता शामिल होंगे। उसके बाद मेरठ से मंडलीय सम्मेलन शुरू किए जाएंगे। ये सम्मेलन प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर होंगे। इसमें खुद शिवपाल यादव शिरकत करेंगे। बागपत के सम्मेलन में मंडलीय सम्मेलन की आगामी तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। मरगूब त्यागी का कहना है कि मोर्चे की तरफ से सभी पुराने सपा नेताओं को सम्मेलनों में शिरकत करने की अपील के साथ चिट्ठी भेजी जा रही है।
Published on:
22 Sept 2018 02:24 pm
बड़ी खबरें
View Allनोएडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
