
Akhilesh Mulayam
नोएडा। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच चल रहा शीत युद्ध जगजाहिर है। काफी समय से दोनों एक साथ भी नहीं देखे गए थे। विवाद के बाद तो खासतौर से लेकिन एक दिग्गज नेता ने आखिरकार दोनों को एक मंच पर ला ही दिया। लोकसभा चुनाव और कैराना व नूरपुर उपचुनाव से पहले सोमवार को मुलायम सिंह और अखिलेश यादव रामपुर में एक मंच पर बैठे नजर आए। हालांकि, दोनों के बीच इस दौरान बात नहीं हुई। इतना ही नहीं दोनों अलग-अलग आए और अपने-अपने रास्ते चले गए।
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दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन
सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के दिग्गज नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का रामपुर में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। उनका याादव परिवार से गहरा नाता रहा है। उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़ी राजनीतिक घराने में हुए विवाद के बाद आजम खान ने मुलायम और अखिलेश को मिलाने की काफी कोशिशें की थीं। अब उन्होंने ही साेमवार को फिर से दोनों को एक मंच पर ला दिया। इस दौरान अखिलेश यादव को डीलिट की उपाधि और मुलायम सिंह को स्मृति चिह्न दिया गया।
बीच में बैठे आरके सिन्हा
समारोह के दौरान मंच पर दोनों के बीच में मुख्य अतिथि आरके सिन्हा बैठे थे। उनके एक तरफ अखिलेश यादव, फिर आजम खां और कुलपति डाॅ. यूनुस बैठ थे जबकि आरके सिन्हा के दूसरी ओर मुलायम सिंह, रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा बैठी थीं। इस बीच अखिलेश और मुलायम में कोई बात नहीं हुई। इतना ही नहीं संबोधन के दौरान सपा संस्थापक ने आजम खान की जमकर तारीफ की लेकिन बेटे अखिलेश का जिक्र तक नहीं किया। हां, मुलायम सिंह को स्ृति चिह्न मिलने पर अखिलेश ने तालियां जरूर बजाईं।
अलग-अलग पहुंचे दोनों
वहीं, समारोह में शामिल होने के लिए दोनों अलग-अलग आए। अखिलेश यादव लखनऊ से हवाई जहाज से मूंढापांडे हवाई पट्टी पर उतरे और उसके बाद कार से जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे, जबकि मुलायम सिंह दिल्ली से हेलीकॉप्टर से जौहर यूनिवर्सिटी में उतरे।
Published on:
15 May 2018 04:28 pm
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