यह भी पढ़े –
बीटेक कॉलेजों की फीस को लेकर योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें क्या कहा याचिकाकर्ता को दिया गया ये तर्क नोएडा प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील कौशलेंद्र नाथ सिंह ने पूरक हलफनामा दाखिल किया जिसमें याचिकाकर्ता को दिया गया कि तथाकथित विध्वंस आदेश संलग्न था जो कि प्रबंधक (योजना), नोएडा द्वारा जारी किया गया। उन्होंने कहा कि विध्वंस आदेश में किसी व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं, लेकिन टावर के फ्लैट मालिकों के लिए एक सामान्य दिशा बनना चाहता है। फ्लोरेंस-डी, विशेष रूप से, फ्लैट नंबर 004 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ निर्माणों का लेखा-जोखा स्वीकृत योजना के अनुसार हटाने के लिए 9.7.2020 को नोटिस जारी किया गया था। अवैध निर्माण को हटा कर अधिकारियों को सूचित करने को कहा गया था, लेकिन नोटिस का पालन नहीं हुआ।
यह भी पढ़े –
खतरनाक मंसूबों के साथ जाल फैला रहा था PFI, ATS की जांच में चौकाने वाले खुलासे अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा करना होगा दाखिल वकील कौशलेंद्र नाथ सिंह ने इसमें आगे उल्लेख है कि 26.9.2022 को एक सार्वजनिक घोषणा की गई थी कि सभी फ्लैट मालिक 48 घंटे के भीतर अपने अवैध निर्माण को हटा दें, लेकिन वे उसी का पालन करने में विफल रहे हैं। फिलहाल दोनों पक्षों को सुनने के बाद मनोज कुमार गुप्ता और जयंत बनर्जी की बेंच ने याचिका को स्वीकर कर स्थगन दे दिया है। जिसके चलते सोसाइटी में प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माणों को गिराने से रोका गया और कहा गया कि दोनों पार्टियां उसके संबंध में तब तक सख्त यथास्थिति बनाए रखेंगी। सभी प्रतिवादी अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। 20.10.2022 को इस मामले को ताजा के रूप में सूचीबद्ध करें।