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केस स्टडी के 2 साल में मुझे मिला इतना दर्द, तो तलवार दंपति पर 9 सालों तक क्या गुजरी होगी…

2 साल से तलवार दंपति को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रही स्वाती वाजपेयी ने जाहिर की अपनी खुशी, कहा- रंग लाई मेहनत, अब मिला न्याय

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aarushi murder case

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नोएडा, पल्लवी कुमारी. बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है। 26 नवंबर, 2013 को उनको विशेष सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद के डासना जेल में बंद हैं। इस मामले में पिछले 2 साल से फ्री द तलवार कम्युनिटी के नाम से कैंपने चला रही लखनऊ की रहने वाली स्वाती वाजेपयी ने तलवार दंपती की रिहाई पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे जितनी खुशी हो रही है मैं बता भी नहीं सकती। मेरी मेहनत रंग लाई है। उन हजारों लोगों की दुआ काम आई है जो तलवार दंपति के इंसाफ की राह देख रहे थे।

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स्वाती वाजेपयी ने पत्रिका से बात करते हुए बताया, मैं बहुत खुश हूं कि मेरी मेहनत सफल हुई और जिसके लिए मैं पिछले 2 साल से लड़ रही थी, उस मामले में आज इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए इस केस को स्टडी करने में इन दो सालों में जितना दर्द मैंने सहा है, तो उस तलवार दंपति का क्या हुआ होगा जो अपनी बेटी की हत्या की पिछले 2013 से सजा काट रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरुषि के असली कातिल तक पहुंच पाना अब काफी मुश्किल हो गया है। ये देश का सबसे बड़ा मिस्ट्री केस है। जिसको पिछले 9 साल से उलझा कर रखा गया है। ये केस अब आपस में इतना पेचिदा हो गया है कि असली हत्यारा कौन है, इसकी जांच कर पाना अब असंभव सा लगता है। स्वाती वाजेपयी ने यह भी बताया कि हालांकि अब मुझे नहीं लगता है कि कोर्ट इस मामले में फिर से जांच के आदेश देगा, क्योंकि जिस तरह इस हत्याकांड के सबूतों के साथ छेड़छाड़ किया गया है, उससे सारी कड़ी नहीं जुट पाएगी।

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आपको बतादें कि स्वाति फिलहाल सोशल मीडिया पर फ्री द तलवार कम्युनिटी चला रही हैं। ये कम्युनिटी किसी और ने शुरू की थी, लेकिन 17 अक्टूबर 2015 से स्वाति ने इसकी बागडोर अपने हाथों में ले ली। इस काम में स्वाति के देश विदेश के साथी मदद करते हैं। स्वाति रोजाना सीबीआई की थ्योरी पर सवाल उठाती रहती थी।

आपको बतादें कि हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी सजा तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी नहीं दी है। संदेह के आधार पर तलवार दंपति को फौरन रिहा करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच में कई तरह की खामियां है। कोर्ट में फैसले के वक्त सीबीआई अफसरों सहित दोनों पक्षों के वकील मौजूद थे।