
नोएडा. तेजी से फैल रहे मादक पदार्थ के काले कारोबार की जड़ें एनसीआर व दिल्ली के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी खंगाली जा रही है। मेरठ और आसपास के जिलों में रह रहे विदेशी छात्रों और विभिन्न प्रोजेक्ट में नौकरी कर रहे विदेशी युवकों पर डीआरआई यानी डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की नजरें हैं।
मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई के तार पश्चिमी यूपी से जुड़े
बता दे कि डीआरआई की लखनऊ यूनिट ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई 3000 किलो हेरोइन के मामले के तार दिल्ली व एनसीआर से जुड़े होने के साथ ही कई और अहम जानकारियां जुटाई थी। डीआरआई ने कोकीन व हेरोइन की बड़ी खेप बरामद करने के साथ ही नोएडा व दिल्ली में तस्करों के कई ठिकानों पर छापेमारी कर अफगानी नागरिक को सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें एक महिला भी शामिल थी। तस्करों के बीच लेनदेन का हवाला नेटवर्क भी सामने आया है।
पश्चिमी यूपी में है सिथेटिक ड्रग्स का चलन
इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में सिथेटिक ड्रग्स का चलन काफी पैमाने पर बढ़ा है। डीआरआई के एक अधिकारी के अनुसार बरामद हेरोइन व कोकीन गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में पकड़े गए मादक पदार्थों से जुड़ी खेप का हिस्सा है। मुंद्रा में पकड़ी गई हेरोइन से पहले इस खेप की सप्लाई होने की आशंका है। जिसे नोएडा, दिल्ली व अन्य स्थानों पर सप्लाई किया गया था। इतना ही नहीं बरामद मादक पदार्थ होटलों व पार्टिंयों में भी सप्लाई किया जाना था।
खंगाला जा रहा है नेटवर्क
बताया जाता है कि हेरोइन और सिथेंटिक ड्रग्स को सुरक्षित तरीके से छिपाने का ठिकाना मेरठ के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में बनाया गया था। इन ठिकानों की तलाश अब सरगर्मी से की जा रही है। इस काम में स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं लिया जा रहा है। डीआरआई अधिकारियों के अनुसार बरामद मादक पदार्थों की सप्लाई अन्य हिस्सों में भी की जानी थी। तस्करों के इस पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
BY: KP Tripathi
Updated on:
01 Oct 2021 04:25 pm
Published on:
01 Oct 2021 04:24 pm
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