13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपित कराने के मामले में दो विदेशी नागरिक गिरफ्तार

Highlights - नोएडा कोतवाली फेस-3 पुलिस ने किया गिरफ्तार - बांग्लादेश से आकर नोएडा में अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपित करने का मामला - गिरोह के सरगना ट्रैवल एजेंट अब्दुल मन्नान को बांग्लादेश पुलिस कर चुकी है गिरफ्तार

2 min read
Google source verification

नोएडा

image

lokesh verma

Jan 29, 2021

noida.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

नोएडा. कोतवाली फेस-3 पुलिस ने बांग्लादेश से आकर नोएडा में अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपित कराने वाले गिरोह के दो और बांग्लादेशी आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में किडनी प्रत्यारोपित कराने आया मरीज और उसका भाई शामिल है। जबकि गिरोह के सरगना ट्रैवल एजेंट अब्दुल मन्नान को बांग्लादेश पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। किडनी के सौदागर बांग्लादेशी गिरोह के मामले की जांच कर रही है। फेस-3 कोतवाली पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

यह भी पढ़ें- नोएडा में धरना प्रदर्शन खत्म, BKU अध्यक्ष बोले- लाल किले पर उपद्रव करने वाले किसान नहीं हो सकते

दरअसल, मोहम्मद कबीर की किडनी खराब है। कबीर का रिश्तेदार बनकर आरोपी अहमद उसे अपनी किडनी डोनेट करने भारत आया था। अब पुलिस ने मोहम्मद कबीर हुसैन और उसके भाई मोहम्मद सगीर हुसैन को सेक्टर 71 गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया है। कबीर ने बताया कि उसकी अहमद शरीफ से बांग्लादेशी मुद्रा साढ़े चार लाख टका में किडनी प्रत्यारोपित कराने को लेकर बात हुई थी। अभी तक करीब 60 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस ने अदालत से अपील की है कि कबीर के स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी समय-समय पर डायलिसिस होती रहनी चाहिए।

बता दें कि पुलिस ने 22 जनवरी को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले बांग्लादेश के गिरोह का पर्दाफाश किया था। इसके तहत पुलिस ने बांग्लादेश के डोनर अहमद शरीफ और बिहार के रहने वाले बिचौलिये वाजिद हक को गिरफ्तार किया था। जबकि गिरोह का सरगना अब्दुल मन्नान, मरीज मोहम्मद कबीर हुसैन और उसका भाई सब्बीर फरार था। पुलिस ने किडनी के सौदागर बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश किया था। जब बांग्लादेशी अहमद शरीफ पैसों के लालच में फर्जी दस्तावेज के आधार पर किडनी डोनर बन नोएडा पहुंचा था। उसके साथ किडनी रिसीवर मोहम्मद कबीर व उसके सहायक मोहम्मद सगीर भी पहुंचे थे। अहमद अपनी एक किडनी कबीर को डोनेट करना चाहता था। इसके चलते अहमद ने कबीर को अपना बहनोई बताया था। आरोपियों ने किडनी ट्रांसप्लांट से पूर्व सभी जांच प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी। इसी दौरान अहमद का कबीर से पैसों को लेकर विवाद हो गया।

अहमद ने किडनी ट्रांसप्लांट नहीं कराने की बात कहकर पुलिस को फोन कर दिया। इसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ था। पुलिस ने मामले में अहमद व दिल्ली के शाहीन बाग में रहने वाले गिरोह के सदस्य बाजुलहक को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। बाजुलहक ने ही तीनों आरोपियों को दिल्ली एयरपोर्ट से रिसीव किया था और नोएडा के सेक्टर-71 स्थित एक गेस्ट हाउस में ठहरने में मदद की थी। कबीर की किडनी खराब है। वह फिलहाल डायलिसिस पर है। उसका सेक्टर-62 स्थित निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट होना था।

यह भी पढ़ें- यूपी में खुला पहला प्राइवेट फिटनेस सेंटर, अब ऑटोमेटिक मशीन से होगी वाहनों की जांच