
नोएडा।यूपी बोर्ड की परीक्षाएं पूरी होने के बाद अब स्टूडेंट्स को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सख्ती के बाद इस बार पिछली बार के मुकाबले के बहुत कम छात्रों ने परीक्षा दी थी। इसको देखते हुए माना जा रहा है कि रिजल्ट लो रहेगा। यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल पर नकेल कसने के कारण करीब आधे स्टूडेंट्स ने परीक्षा छोड़ दी थी। माना जा रहा है कि मई के प्रथम हफ्ते में रिजल्ट भी घोषित किया जा सकता है।
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ऑफिस में कर रहे जानकारी
वहीं, परीक्षा में कितने विषयों में या कितने नंबर होने पर पास माना जाएगा, इसको लेकर छात्र मेरठ के जोनल यूपी बाेर्ड कार्यालय व जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर लगातार जानकारी कर रहे हैं। मेरठ के डीआईओएस सरदार सिंह का कहना है कि कई छात्र इसको लेकर परेशान हैं कि न्यूनतम अंक कितने होने चाहिए या कितने विषयों में पास होना जरूरी है। डीआईओएस ऑफिस में इसको लेकर सुबह से शाम तक कई फोन आ रहे हैं। आपको बता दें कि मेरठ में इस बार 85 हजार से ज्यादा छात्रों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी है।
इंटर में नहीं होती है कंपार्टमेंट परीक्षा
यूपी बोर्ड के नियमों के मुताबिक, इंटर में आप कंपार्टमेंट नहीं दे सकते हैं। इसमें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। डीआईओएस का कहना है कि इंटर में पांच मुख्य विषय होते हैं। इनमें से सभी के दो-दो पेपर होते हैं। उनका कहना है कि अगर किसी छात्र के एक पेपर में 27 नंबर आ जाते हैं जबकि दूसरे में फेल हो जाता है या अब्सेंट हो जाता है तो उसको ग्रेस मिल जाता है। नियमों के अनुसार, छात्र को 8 नंबर का ग्रेस मिल जाता है, जिससे वह पास हो जाता है। हां, अगर ग्रेस मिलने के बाद भी उसे पास होने लायक नंबर नहीं आते हैं तो वह फेल माना जाएगा।
हाईस्कूल में पांच सब्जेक्ट में पास होना जरूरी
इसके अलावा 10वीं में छह विषय होते हैं मतलब पूर्णांक 600 नंबर होता है। इसमें स्टूडेंट को पांस सब्जेक्ट में पास होना जरूरी है। इस स्थिति में उसके एक सब्जेक्ट में फेल होने पर भी पास की मार्क्सशीट मिलेगी। छात्र चाहे तो फेल होने या अब्सेंट होने वाले विषय में कंपार्टमेंट दे सकता है। इसकी तिथि का ऐलान रिजल्ट के बाद किया जाता है। इतना ही नहीं अगर छात्र दो विषयों में फेल हो जा है तो उसे कंपार्टमेंट देकर एक में पास होना जरूरी है। अगर वह इसमें सफल हो जाता है तो उसे आगे की क्लास में जाने का मौका मिलेगा।
छात्रों को नहीं है जानकारी
डीआईओएस का कहना है कि इन नियमों की जानकारी कई स्टूडेंट्स को नहीं है। बोर्ड ने हाईस्कूल में पास होने के लिए मिनिमम 33 फीसदी अंक निर्धारित किए हैं जबकि इंटर में पास होने के लिए कम से कम 35 प्रतिशत नंबर चाहिए। सभी विषयों में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम प्रतिशत लाना अनिवार्य है।
मई में आ सकता है रिजल्ट
वहीं, क्षेत्रीय सचिव यूपी बोर्ड राणा सहस्त्रांशु सुमन का कहना है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले जल्दी मूल्यांकन का काम खत्म हो गया है। इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि हाईस्कूल और इंटर का रिजल्ट मई के प्रथम सप्ताह में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली बार जून के दूसरे सप्ताह में रिजल्ट आया था।
Updated on:
12 Apr 2018 11:34 am
Published on:
12 Apr 2018 11:29 am
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