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नोएडा

व्हाट्सएप, ट्विटर नहीं अब इस ऐप को चलाएंगे पुलिसकर्मी, अपराधियों को पकड़ने के लिए बनाया फुलप्रूफ प्लान

सीमा विवाद को तोड़ अब एक मंच पर आ रहे पुलिसकर्मी
केस को सुलझाने के लिए कर रहे एक दूसरे की मदद
इस ऐप पर ग्रुप बनाकर जोड़े जा रहे सभी पुलिस

नोएडाJun 10, 2019 / 04:00 pm

Ashutosh Pathak

Telegram

व्हाट्सएप, ट्विटर नहीं अब इस एप को चलाएंगे पुलिसकर्मी, अपराधियों को पकड़ने के लिए बनाया फुलप्रूफ प्लान

नोएडासोशल मीडिया के तहत फेसबुक ( Facebook ) , व्हाट्सएप ( Whatsapp ) , ट्विटर ( Twitter ) की के अलावा अब एक और ऐप है जो तेजी के साथ अपने पांव पसार रहा है। इस ऐप की खासियत यह है कि इसमें एक साथ एक हजार लोगों को ग्रुप बना कर जोड़ा जा सकता है। यही वजह है कि अब क्राइम रोकने के लिए पुलिस विभाग भी इस एप का सहारा ले रही है।
अपराधों के खुलासे के लिए अलग-अलग जिलों के साथ ही अब अलग-अलग राज्यों की पुलिस एक मंच पर आ रही है और टेलीग्राम ऐप के जरिए एक दूसरे से जोड़ रहा है। सबको एक मंच पर लाने के लिए यूपी पुलिस के डीएसपी विनोद सिरोही ने दिल्ली के इंस्पेक्टर राजपाल सिंह डबास और उत्तराखंड के इंस्पेक्टर हरपाल सिंह की मदद से सभी राज्यों के विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को जोड़ने का काम शुरू किया।
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दरअसल अलग-अलग राज्यों में कई ऐसे छोटे-छोटे ग्रुप बना कर पुलिस अपना काम कर रही है। इन ग्रुप की मदद से जब केस खुलने लगे तो साथियों की संख्या बढ़ने लगी। इसके बाद दिल्ली पुलिस के मिनी सीआरओ (क्राइम रेकॉर्ड ऑफिस) कहे जाने वाले इंस्पेक्टर राजपाल सिंह डबास ने अलग-अलग ग्रुप के लोगों को टेलिग्राम ऐप पर ले आए। जिसका असर दिखने लगा और अब ये लोग चार नैशलन ग्रुप और सभी राज्यों के अलग-अलग ग्रुप संचालित कर रहे हैं। इनमें कॉन्स्टेबल से लेकर एडीजी स्तर के करीब 6500 सदस्य हैं।
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इस बारे में नोएडा के एसटीएफ डीएसपी विनोद सिंह सिरोही का कहना है कि इन ग्रुप से केस सुलझाने में काफी मदद मिली है। हाल ही में सहारनपुर में 37 लाख रुपये की टप्पेबाजी हुई थी। विनोद सिंह सिरोही ने इन अपराधियों के गैंग की डीटेल दिल्ली पुलिस के ग्रुप से साझा की। दो दिन बाद ही सहारनपुर पुलिस ने 37 लाख रुपये के साथ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह के एक मामले में राजस्थान पुलिस ने काफी मदद की।

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