8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन कुख्यातों के नाम से खौफ खाता है वेस्ट यूपी

सुंदर भाटी और अनिल दुजाना के नाम से वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी खौफ खाते हैं

3 min read
Google source verification
sunder bhati

शरद अस्थाना, नोएडा। यूपी एसटीएफ ने हरियाणा की एसटीएफ के साथ मिलकर सोमवार को बलराज भाटी को मार गिराया। उसका चार राज्यों में आतंक था। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, अब एसटीएफ की नजर मेरठ के सरधना निवासी खूंखार अपराधी अमर सिंह पर है। अमर सिंह भी सुंदर भाटी गैंग का ही शार्प शूटर बताया जा रहा है। दोनों दुर्दांत अपराधी सुंदर भाटी के लिए काम करते हैं। ऐसे ही और न जाने कितने बदमाश सुंदर के गैंग में हैं। इसी तरह एक गैंग है अनिल दुजाना का। दोनों के ही नाम से वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी खौफ खाते हैं। हालांकि, दोनों ही अभी जेल में हैं पर इनका खौफ इतना है कि बस नाम लेने से सामने वाले के पसीने छूट जाए। हम आपको वेस्ट यूपी के ऐसे ही कुछ कुख्यातों के बारे मे बता रहे हैं, जिनके नाम की दहशत लोगों में है।

यह भी पढ़ें: बेकाबू ट्रक घर में घुसा,दो की मौत दो की हालत नाजुक

सुंदर भाटी

ग्रेटर नोएडा के घंघोला निवासी सुंदर भाटी नरेश भाटी का साथी था। गिरोह का अच्छा खासा दबदबा था। दोनों ने दिल्ली व फरीदाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना आतंक फैला रखा था। पुलिस की ओर से सुंदर पर एक लाख रुपये के इनाम भी घोषित किया गया था। कुछ समय बाद दोनों में दुश्मनी हो गई। दरअसल, सुंदर भाटी सिकंदराबाद में ट्रक यूनियन पर कब्जा करना चाहता था जबकि नरेश भाटी भी ऐसी ही इच्छा रखता था। इसके अलावा दोनों की जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर भी थी। इसके बाद सुंदर और नरेश में गैंगवार शुरू हो गई। फिर दोनों विधानसभा चुनाव में आमने-सामने आ गए लेकिन हार गए। मार्च 2004 में सुंदर ने नरेश की हत्या की हत्या करा दी।

यह भी पढ़ें: बलराज भाटी को मारने के बाद अब यूपी एसटीएफ की नजर अमर सिंह पर

युवा हुए आकर्षित

सुंदर भाटी का भी अपना गैंग बन चुका था। इसमें गांव के नए युवा ज्यादा आने लगे। उस पर दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत कई राज्यों में मर्डर, लूट, रंगदारी समेत कई मामले दर्ज हैं। यूपी पुलिस ने काफी मेहनत के बाद 2014 में उसको गिरफ्तार कर लिया था। वह अपने गांव घंघोला में परिवार वालों से मिलने आया था। फिलहाल वह हमीरपुर जेल में है। इसके बावजूद उसका खौफ गौतमबुद्ध नगर के जिलों के आसपास भी देखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें:इस मामले में राजनाथ सिंह के बेटे से काफी पीछे हैं केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा

अनिल दुजाना

दादरी के पास स्थित गांव दुजाना के नाम का सिक्का पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चलता है। दुजाना गांव के लोग किसी से झगड़ा होने पर बस गांव का नाम ही लेते हैं। इसकी एक वजह अनिल दुजाना भी है। जून 2016 में हुए जिला पंचायत चुनाव में अनिल दुजाना भी मैदान में खड़ा हुआ था। पुलिस ने उसके घर से हथियारों का जखीरा भी बरामद किया था। उसके खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके सामने खड़े निर्दलीय प्रत्याशी संग्राम सिंह को बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर प्रचार करना पड़ता था। इतना ही नहीं उनको मंत्री से भी ज्यादा सुरक्षा मिली हुई थी। हालांकि, दुजाना जेल में रहते हुए चुनाव जीत गया था पर चुनाव रद्द कर दिए गए थे। अनिल दुजाना गैंग के पास तो एके—47 भी मिल चुकी है। फिलहाल वह बांदा जेल में बंद है।

देखें वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खबरें देखने के लिए यहां क्लिक करें

सुशील मूंछ

जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह सुशील मूंछ इस समय मेरठ में हुए डब्ल मर्डर मामले में फरार चल रहा है। उसका खौफ इतना है कि एक बार मुजफ्फरनगर में एक युवक की बाइक टकरा गई थी। इस पर युवक ने दो युवकों पर पिसटल तान दी थी। जब पुलिस उसे लेकर थाने पहुंची और आरोपी ने अपना परिचय दिया तो शिकायत करने वाले थाने से गायब हो गए थे। वह सुशील मूंछ का बेटा था। हालांकि, उसके कई नामी गुर्गों को पुलिस ने मार गिराया था। उसको साल 2012 में एसटीएफ ने खतौली से गिरफ्तार किया था लेकिन वह छूट गया था। उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।

यह भी पढ़ें: कम उम्र के इन अपराधियों के करतब जानकर रह जाएंगे हैरान, देखें वीडियो