अवैध पटाखा कारोबारियों के घर पर इस जिले में हुई छापेमारी, भारी मात्रा में बारूद बरामद
वहीं वेस्ट यूपी अवैध पटाखा फैक्ट्रियों गढ़ बना हुआ है। जिसके चलते आए दिन छापेमारी कर इनका भंडाफोड़ भी किया जा रहा है। जबकि कई जगह बड़ी घटनाएं भी हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी अवैध पटाखे बनाने का धंधा रुक नहीं रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अप्रैल माह में गाजियाबाद के फरूखनगर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद सभी जिलाधिकारी और एसएसपी को सख्त निर्देश दे चुके हैं कि सभी अधिकारी अपने-अपने जिलों में यह सुनिश्चित करें कि अवैध पटाखा फैक्ट्रियों को पूरी तरह से बंद किया जाए। साथ ही जिन भी फैक्ट्रियों के पास लाइसेंस हैं उनकी भी सही से जांच की जाए। आलम है यह कि इन सभी निर्देशों के बाद भी वेस्ट यूपी के कई जिलों में अवैध पटाखे बनाने का गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है।
पुलिस ने 490 पेटी हरियाणा मार्का अवैध शराब की बरामद, एक गिरफ्तार
पिछले माह में ही बदायूं में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका होने के बाद कई लोगों को अपनी जान गंवनी पड़ी। जिसके बाद वेस्ट यूपी समेत अन्य जिलों में प्रशासन की नींद खुली और इन अवैध पटाखा फैक्ट्रियों पर कार्रवाई शुरू की गई। इसी क्रम में बुलंदशहर, गाजियाबाद, शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत समेत कई जिलों में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखों की धर पकड़ की गई। वहीं बागपत स्थित दत्तनगर गांव में सिर्फ तीन लोगों के पास लाइसेंस है और पूरा गांव पटाखे बनाता है। जिस ओर प्रशासनिक अधिकारियों की नजर नहीं जाती। जबकि यहां किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसके अलावा मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके में भी अवैध रूप से चल रहे कई पटाखा गोदामों पर छापेमारी की गई। यहां से भारी मात्रा में पटाखा बनाने का सामान और बने हुए पटाखे बरामद किए गए।
बुलंदशहर में पटाखे बनाते हुए मिले बच्चे
पुलिस ने 30 अक्टूबर को ही बुलंदशहर के दानपुर में चल रही पटाखा फैक्ट्री में बच्चों को काम करते हुए रंगे हाथ पकड़ा और भारी मात्रा में पटाखे बनाने का सामान भी बरामद किया।
गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद इलाके के फरूखनगर में करीब सैकड़ों की संख्या में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं और करीब 1000 से ज्यादा पटाखा बेचने वाले व्यापारी हैं। इसमें अधिकांश अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यहां केवल 25 फैक्ट्रियों को ही लाइसेंस जारी किए गए हैं, जबकि अन्य अवैध रूप से चल रहे हैं।
मेरठ में करीब 6 साल पहले घनी मुस्लिम आबादी तीरघ्राण में पटाखे बनाए जाते थे। इस बस्ती में आग का बड़ा हादसा होने के बाद प्रशासन ने पटाखा बनाने के सभी लाइसेंस कैंसिल कर दिए थे। उसके बाद से मेरठ में बाहर से लाकर पटाखे बेचे जाने लगे। अभी 10 दिन के भीतर ही पुलिस की कार्रवाई में 6 पटाखा गोदाम पकड़े गए हैं। एक गोदाम में अवैध रूप से भारी मात्रा में पटाखा बरामद हुआ। आईजी रामकुमार के मुताबिक रेंज में कोर्ट के निर्देशों का पालन करके ही पटाखा बेचने की अनुमति दी जाएगी। अवैध पटाखा बिक्री पर कार्रवाई होगी।