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Builder bankrupt : आखिर बिल्डर क्यों हो रहे दिवालिया, सीएम योगी को सता रही लाखों फ्लैट बायर्स की चिंता

Builder bankrupt : रेरा की व्यवस्था के होते हुए भी बिल्डरों के दिवालिया होने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह यह पता लगाएं कि बड़े बिल्डर आखिर क्यों दिवालिया हो रहे हैं? ताकि घर खरीदने वाले खरीदारों के हितों की रक्षा करते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत किया जा सके।

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नोएडा

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lokesh verma

Apr 02, 2022

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Builder bankrupt : आखिर बिल्डर क्यों हो रहे दिवालिया, सीएम योगी को सता रही लाखों फ्लैट बायर्स की चिंता।

Builder bankrupt : उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर के कई नामीचीन बड़े बिल्डरों के दिवालिया होने को योगी सरकार ने संज्ञान में लिया है। अचानक बड़े बिल्डरों के दिवालिया होने की बात किसी को हजम नहीं रही है। शायद सरकार को भी नहीं। इससे फ़्लैट खरीददारों के हित प्रभावित हो रहे हैं। कइयों के तो पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई और एक अदद अपने आशियाने के सपने का सवाल है। लिहाजा सरकार भी इन खबरों को लेकर गंभीर है। सूत्रों के अनुसार, बिल्डरों के दिवालिया होने से फ़्लैट खरीदारों के समक्ष उत्पन्न हुई है। दिक्कतों का आंकलन करने के लिए सरकार ने तय किया है कि एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए, ताकि फ़्लैट बायर्स के हितों की रक्षा की जा सके।

देश में रियल एस्टेट सेक्टर के कई प्रमुख बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर खड़े हुए हैं। नोएडा समेत उत्तर प्रदेश में भी दिवालिया हो रहे बड़े बिल्डरों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। इसकी शुरुआत आम्रपाली समूह के दिवालिया होने से हुई थी। कुछ वर्षों के दौरान नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के एक दर्जन से अधिक बड़े -छोटे बिल्डरों को दिवालिया घोषित करने का आदेश जारी किया है। यूनिटेक, सहारा, जेपी जैसे बड़े बिल्डर देखते ही देखते दिवालिया घोषित हो गए। इसी क्रम में बीते एक हफ्ते में एनसीएलटी ने सुपरटेक बिल्डर और लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ के खिलाफ आदेश जारी करते हुए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।

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रेरा जैसी व्यवस्था के बाद भी कैसे दिवालिया हो रहे बिल्डर

राज्य में एक के बाद एक इन बड़े बिल्डरों के दिवालिया होने फ़्लैट खरीदारों को फ़्लैट पाने का सपना तो अधर में लटका ही उनकी मेहनत से कमाई धनराशि भी फंस गई। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने फ़्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों के साथ इस मसले पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह जानना चाहा है कि जब घर खरीदने वालों के हितों को ध्यान के लिए रियल एस्टेट रेग्युलेशंस एक्ट (रेरा) जैसी व्यवस्था है तो फिर बड़े बिल्डर क्यों और कैसे दिवालिया हो रहे हैं?

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अधिकारियों दिए गए ये निर्देश

रेरा 1 मई 2017 से देशभर में लागू है। इस व्यवस्था के होते हुए भी बिल्डरों के दिवालिया होने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। जिसके चलते उन्होंने इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह यह पता लगाएं कि बड़े बिल्डर क्यों दिवालिया हो रहे हैं? ताकि घर खरीदने वाले खरीदारों के हितों की रक्षा करते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत किया जा सके और बिल्डर्स की मनमानी पर लगाम भी लगाई जा सके।