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कोविड ट्रीटमेंट पर टैक्स छूट मगर दवाओं का खर्च हो गया महंगा, निवेश पर भी कटौती, हाईवे पर देना होगा ज्यादा टैक्स

locationलखनऊPublished: Apr 02, 2022 10:33:44 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरु हो चुका है। महीने की पहली तारीख से इनकम टैक्स संबंधित कई नियम बदल दिए गए हैं। दवाओं के खर्च से लेकर होम लोन के बायज तक, सब कुछ बदल चुका है।

Changes in Income Tax New Financial Year from 1st April 2022

Changes in Income Tax New Financial Year from 1st April 2022

एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरु हो चुका है। महीने की पहली तारीख से इनकम टैक्स संबंधित कई नियम बदल दिए गए हैं। दवाओं के खर्च से लेकर होम लोन के बायज तक, सब कुछ बदल चुका है। आइये जानते हैं ऐसे कुछ नियमों के बारे में जिनका आपकी जेब पर सीधा असर पड़ सकता है।
1- दवा महंगी

सिरदर्द के लिए काम आने वाली पेरासिटामोल दवा महंगी हो गई है। दरअसल, सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए 800 दवाइयों की कीमत 10.7 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन में आने वाली दवाएं शामिल है।
2- होम लोन पर बचत

आयकर नियमों में एक और बड़ा बदलाव होम लोन Home Loan के ब्याज से जुड़ा है। आयकर कानून (Income Tax Law) की धारा 80EEA के तहत सरकार ने होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त छूट देती है। इसके लिए आपके मकान की कीमत स्टांप ड्यूटी पर 45 लाख रुपये तक हो सकती है। हालांकि, यह छूट 31 मार्च, 2022 के लिए ही थी। इसे आगे नहीं बढ़ाया गया है लेकिन आयकर कानून की धारा 24 के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपये तक की छूट पहले की तरह ही है।
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3- कोविड ट्रीटमेंट पर टैक्स छूट

कोरोना के इलाज के लिए आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा। कोरोना से होने वाली मौत पर 10 लाख रुपये की मिलने वाली रकम को टैक्स के दायरे के बाहर रखा गया है। सरकार ने दिव्यांग नागरिकों को भी मौका दिया है। अगर कोई व्यक्ति दिव्यांग है तो उसके गार्जियन बदले में इंश्योरेंस ले सकते हैं। इस पर उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
4- क्रिप्टो पर टैक्स

एक अप्रैल से भारत में क्रिप्टो भी टैक्सेबल है। क्रिप्टो से होने वाली आय से 30 फीसदी टैक्स लगने वाला है। इसके अलावा क्रिप्टो रिलेटेड ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी टीडीएस भी कटेगा। इसी तरह क्रिप्टो से हुए लॉस को ऑफसेट करने की सुविधा भी नहीं मिलेगी।
5- एनपीएस डिडक्शन

राज्य सरकार के कर्मचारी अब एम्पलॉयर के एनपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन पर ज्यादा डिडक्शन क्लेम कर सकेंगे। बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार के कर्मचारी भी अब बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के 14 फीसदी के बराबर कंट्रीब्यूशन तक 80CCD (2) क्लेम कर सकेंगे। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर लाभ मिलेगा।
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6- हाईवे सफर भी महंगा

केंद्र सरकार जर्मनी और रूस में सैटेलाइट सिस्टम से वसूली हो रही है। यह सिस्टम वहां काफी सफल भी है। इस सिस्टम के जरिये गाड़ी हाईवे पर जितने किमी चलती है, उसके हिसाब से टोल की राशि लगती है। यूरोपीय देशों में इस फॉर्मूले को सफल होता देख भारत में भी लागू किए जाने पर विचार विमर्श जारी है। अभी भारत में 60 किमी के अंदर एक से अधिक टोल प्लाजा बने हैं, ऐसे में यहां किसी के हिसाब से टोल वसूली का सिस्टम नहीं है।

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