
नोएडा। वाहन चलाने का हर देश में अलग रूल बनाया गया है। इसी तरह भारत में भी कई रूल्स ड्राइविंग को लेकर बने हुए हैं। ऐसा ही एक रूल है लेफ्ट साइड ड्राइविंग। जिसके तहत भारत में लेफ्ट साइड ड्राइविंग ही की जाती है। जबकि अमेरिका समेत कई देशों में राइट साइड ड्राइविंग की जाती है। आइए इसके पीछे क्या कारण है।
इस बाबत जानकारी देते हुए ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट इकबाल बताते हैं कि पुराने जमाने में अधिकांश देशों में सड़क पर लेफ्ट साइड ही चलने की परंपरा थी। ऐसा इसलिए कि पहले लोगों को डाकुओं से बचना होता था और घोड़े पर बैठा डाकू अपने सीधे हाथ का इस्तेमाल करता था। इसलिए लोग लेफ्ट साइड चलते थे। पहली बार 18वीं शताब्दी में सड़क के राइट साइड चलने की परंपरा की शुरूआत हुई। वर्तमान में पूरी दुनिया में कुल 163 देशों में सड़क पर लेफ्ट साइड और 76 देशों में राइट साइड चलने के नियम का पालन किया जाता है।
वह बाते हैं कि अमेरिका में 18वीं शताब्दी में “टीमस्टर्स” की शुरुआत हुई थी। ये एक बड़ा वैगन होता था, जिसे घोड़ों की टीम खींचती थी। इन वैगनों पर ड्राइवरों के लिए बैठने के लिए सीट नहीं होती थी। जिसके चलते ड्राइवर सबसे लेफ्ट वाले घोड़े पर बैठता था और अपने सीधे हाथ से चाबुक के द्वारा सभी घोड़ों को नियंत्रित करता था। इसके कारण अमेरिकी लोगों को सड़क पर लेफ्ट साइड चलने के नियम में बदलाव करना पड़ा था और वे सड़क पर राइट साइड चलने के नियम को फोलो करने लगे। यह नियम पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में फोलो किया जाने लगा।
वहीं इंग्लैंड के लंदन और अन्य ब्रिटिश शहरों की तंग या छोटी गलियों में कभी घोड़ों से वैगनों खींचना मुमकिन नहीं हुआ। जिसके चलते यहां पर कभी भी घोड़ों से खींचे जाने वाले वैगनों का इस्तेमाल नहीं किया गया। जिसके चलते इंग्लैंड में हमेशा से सड़क पर लेफ्ट साइड चलने के नियम का ही पालन हुआ। 1756 में इंग्लैंड में इसे आधिकारिक कानून का रूप भी दिया गया। वहीं अंग्रेजों ने जिन भी देशों पर राज किया उनमें लेफ्ट साइड चलने के नियम का पालन होने लगा। इसी के चलते भारत में भी सड़क पर लेफ्ट साइड चलने के नियम का पालन किया जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में लेफ्ट साइड चलने का नियम अंग्रेजों द्वारा ही लाया गया है।
Updated on:
06 Feb 2020 05:56 pm
Published on:
06 Feb 2020 05:51 pm
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