
नोएडा. उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नोएडा प्राधिकरण के एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्रधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित सभी औद्योगिक प्राधिकरणों के भ्रष्ट अधिकारियों और बाबुओं को अनिवार्य सेवानिवृति से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई के मूड में है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को सरकार ने गंभीरता से लिया
एक पुराने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाइ चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की थी कि नोएडा प्राधिकरण के नाक, मुंह, कान से ही नहीं, बल्कि उसके चेहरे से भी भ्रष्टाचार टपक रहा है। इस टिप्पणी से नोएडा विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार की बहुत ही किरकिरी हुई थी। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात कहने वाली योगी सरकार ने इस टिप्पणी को बेहद गंभीरता से लिया है।
अधिकारियों की सेवा हो सकती है समाप्त
हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिन अधिकारी-कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, उन्हें तत्काल बर्खास्त कर दिया जाए। इनमें दो अधिकारियों की सेवा समाप्त करने पर सहमति बन गई है। इनमें से एक नोएडा में और दूसरे यूपीसीडा कानपुर में बड़े पद पर रहे हैं।
क्या कहते हैं औद्योगिक विकास मंत्री ?
वहीं इस पूरे मामले पर यूपी सरकार में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का कहना है कि विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद भ्रष्ट अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। प्राधिकरणों के दागियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति और बर्खास्त तक किया जाएगा। पहले भी कई अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला नोएडा प्रधिकरण से दूसरी जगह किया गया था।
Published on:
15 Aug 2021 05:52 pm
बड़ी खबरें
View Allनोएडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
