मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्वप्रेरणा से दर्ज जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद से इन मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए सुझाव देने को भी कहा।
पूर्व व मौजूदा सांसदों-विधायकों के खिलाफ 35 से ज्यादा केस हाईकोर्ट प्रशासन ने पूर्व एवं मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित तीन दर्जन से अधिक मामलों की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में लंबित मामलों, उनसे संबंधित अदालतों व उनकी मौजूदा स्थिति की जानकारी भी दी गई। इस पर कोर्ट ने रजिस्ट्रार को लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। साथ ही राज्य सरकार से कहा कि इन केसों की सुनवाई में किसी तकनीकी सहायता की जरूरत हो तो वह तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में दिए निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में इन केसों की निगरानी के लिए हाईकोर्ट को दिशा-निर्देश जारी किए थे। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट से इन मामलों पर संज्ञान लेकर उनकी मॉनिटरिंग के लिए सभी अधीनस्थ अदालतों से रिपोर्ट मंगाने को भी कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए थे – ट्रायल कोर्ट बिना आवश्यक कारण इन मामलों की सुनवाई नहीं टालें। – निगरानी के लिए विशेष वेबसाइट बनाकर लंबित केसों का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
अगली सुनवाई दो महीने बाद हाईकोर्ट अब इस मामले की दो माह बाद सुनवाई करेगा। संबंधित अदालतों से अगली तारीख तक इन मुकदमों की रिपोर्ट पेश करने को भी कहा। पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने इसी सप्ताह सांसदो-विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी प्रकाशित कर इनके शीघ्र निस्तारण का मुद्दा उठाया था।