
खाली पड़े केन्द्र
बीना. यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन पर रेलवे ने करीब चार साल पहले जंक्शन सहित दस रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी, आरपीएफ के सहायता केन्द्र शुरू किए थे, ताकि लोगों को तत्काल मदद मिल सके, लेकिन इन सहायता केन्द्रों से पुलिस हमेशा नदारद रहती है। तत्कालीन एसआरपी हितेश चौधरी ने शुभारंभ के समय कहा था कि सहायता केन्द्रों पर 24 घंटे पुलिस मुस्तैद रहेगी, जिससे यात्री सुरक्षित महसूस कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
दरअसल रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी व आरपीएफ थाने प्लेटफॉर्म से दूर रहते हैं, ऐसे में यात्री वहां तक नहीं पहुंच पाते, इसके लिए प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की मदद के लिए सहायता केन्द्र खोले गए थे, जिनपर पुलिसकर्मी नहीं मिलते हैं। इसलिए जरुरत पडऩे पर भी लोगों को मदद नहीं मिल पाती है। पहले कहा गया था कि सहायक केन्द्र शुरू होने से लूट, डकैती के अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा व अपराधियों को ट्रेस करने में आसानी होगी, लेकिन जंक्शन पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। चार व पांच नंबर प्लेटफॉर्म के बीच में सहायता केन्द्र बनाया गया था और इन दोनों की प्लेटफॉर्म पर दिल्ली, मुंबई व साउथ की ओर से ट्रेन आती हैं, जिनमें यदि किसी यात्री को मदद की जरूरत होती है तो उन्हें मदद नहीं मिल पाती है और वह दूसरी स्टेशन आने का इंतजार करने के लिए मजबूर होते हैं।
बुकिंग ऑफिस के पास का सहायता केन्द्र भी रहता है खाली
बुकिंग ऑफिस के पास भी पिछले दिनों रेलवे अधिकारियों ने जीआरपी के लिए सहायता केन्द्र खोला था, जिसमें आज तक एक भी पुलिसकमी ड्यूटी करते नहीं दिखा है। इसलिए लोगों को जरुरत के समय भी मदद नहीं मिल पा रही है। किसी भी प्रकार की मदद के लिए उन्हें जीआरपी, आरपीएफ थाने जाना पड़ता है।
Published on:
07 May 2025 12:37 pm
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