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गाला ग्लैक्सी होटल का अवैध निर्माण 30 दिन में होगा ध्वस्त, कंपाउंडिंग पर हाईकोर्ट और योगी सरकार की रोक

बरेली विकास प्राधिकरण के तेज तर्रार और ईमानदार आईएएस अधिकारी मणिकंडन ए. के नेतृत्व में गाला होटल के खिलाफ कार्रवाई जारी है। होटल मालिक का धनबल, रसूख और उनके प्रभावशाली संपर्कों का कोई असर नहीं पड़ा। बीडीए ने प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद होटल को 30 दिनों के भीतर अवैध निर्माण ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं।

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बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण के तेज तर्रार और ईमानदार आईएएस अधिकारी मणिकंडन ए. के नेतृत्व में गाला होटल के खिलाफ कार्रवाई जारी है। होटल मालिक का धनबल, रसूख और उनके प्रभावशाली संपर्कों का कोई असर नहीं पड़ा। बीडीए ने प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद होटल को 30 दिनों के भीतर अवैध निर्माण ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। यदि होटल के मालिक खुद इसे नहीं गिराते, तो बीडीए द्वारा इसे गिराया जाएगा। हाई कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने अवैध निर्माणों की कंपाउंडिंग पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से अब होटल की कंपाउंडिंग का कोई रास्ता नहीं बचता है।

जून में पहली बार सील हुई थी गाला ग्लैक्सी होटल की निर्माणाधीन बिल्डिंग
बरेली विकास प्राधिकरण के अफसरों से लेकर शासन तक और आईजीआरएस पर कई शिकायतें होने के बाद अपनी गर्दन बचाने के लिये बीडीए की टीम ने 22 जून 24 को गाला ग्लैक्सी की निर्माणाधीन बिल्डिंग को सील किया था। सील बिल्डिंग के बावजूद निर्माण जारी रहा, बीडीए नोटिस जारी करता रहा और लिंटर पर लिंटर पड़ते चले गये। इसके बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने 12 सितंबर 2024 को गाला ग्लैक्सी होटल का निर्माण रुकवाया। इंजीनियरों की जमकर फटकार लगाई। इसके बाद अवैध निर्माण कराने वाले होटल मालिकों के खिलाफ एफआईआर कराने के लिये तहरीर प्रेमनगर कोतवाली भेजी गई थी। होटल मालिकों के रसूख के आगे तहरीर पड़ी रही, लेकिन उस पर एफआईआर नहीं लिखी गई है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष के आदेश के बावजूद एफआईआर न होना बीडीए की साख पर सवाल खड़े करने लगा। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुये वीसी बीडीए ने पुलिस अफसरों से कहा और दोबारा तहरीर प्रेमनगर पुलिस को भेजी गई। इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई।

भवन निर्माण कानून और हाई कोर्ट का आदेश
13 मार्च 2024 को, बृज मोहन तंवर बनाम राज्य सरकार के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि स्वीकृत नक्शे से अधिक कोई भी निर्माण नहीं होना चाहिए। भवन निर्माण और विकास उपविधियों के तय मानकों से हटकर निर्माण को शमन (कंपाउंडिंग) के माध्यम से वैध नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अवैध निर्माण के मामलों में कोई रियायत न दी जाए। इसके बाद शासन के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (आवास) नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी शासनादेश में हाई कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की बात कही गई है। स्वीकृत नक्शे से हटकर किए गए निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवैध निर्माणों को वैध करने की कोई योजना नहीं बनाई जाएगी।

एक्शन में प्राधिकरण उपाध्यक्ष, मातहत अफसरों और अवैध निर्माण कराने वालों को सख्त संदेश
शहर में अवैध निर्माणों पर बीडीए की कार्रवाई लगातार जारी है। बुधवार को पीलीभीत रोड पर छह अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया, जबकि गुरुवार को बीडीए के सहायक अभियंता हरीश चौधरी के निरीक्षण के दौरान सीलिंग के बावजूद निर्माण जारी पाया गया। इस पर हरीश चौधरी ने होटल गाला ग्लैक्सी के मालिक वरुण मनचंदा, सुनील मनचंदा और ममता मनचंदा के खिलाफ प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। उन्हें नोटिस जारी कर अवैध निर्माण ढहाने को कहा। होटल वालों ने आवासीय नक्शे की भूमि उपयोग नहीं बदलवाया। वहां कामर्शियल निर्माण करवा रहे हैं। इसके अलावा बीडीए से स्वीकृत नक्शे से एक फ्लोर अधिक का निर्माण करवा डाला। जिस पर बीडीए के उपाध्यक्ष मणिकंडन ए. ने कहा कि गाला होटल के मालिकों को 30 दिन के भीतर खुद से अवैध निर्माण को ध्वस्त करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो बीडीए द्वारा यह कार्य किया जाएगा। इसके खर्च को भू-राजस्व के रूप में वसूला जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि शहर में किसी भी अन्य अवैध निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी, बिना स्वीकृति के किए गए निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई होगी।