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नलकूप खराब, 72 घण्टों में जलापूर्ति होने से ग्रामीण परेशान

जलापूर्ति व्यवस्था प्रबंधन बिगड़ा होने से एक सप्ताह से नैनवां शहर में जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी होने से नलों में 72 घण्टों में पानी पहुंच रहा है। पाईबालापुरा बांध लबालब होने के बाद भी पूरे नलकूप चालू नहीं होने से पाईबालापुरा पेयजल योजना से उत्पादन का आधा ही पानी पहुंचने से जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है।

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नलकूप खराब, 72 घण्टों में जलापूर्ति होने से ग्रामीण परेशान

नैनवां। पाईबालापुरा बांध के एक नलकूप की जली मोटर को बदलने की कार्रवाई करते श्रमिक।

नैनवां. जलापूर्ति व्यवस्था प्रबंधन बिगड़ा होने से एक सप्ताह से नैनवां शहर में जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी होने से नलों में 72 घण्टों में पानी पहुंच रहा है। पाईबालापुरा बांध लबालब होने के बाद भी पूरे नलकूप चालू नहीं होने से पाईबालापुरा पेयजल योजना से उत्पादन का आधा ही पानी पहुंचने से जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शहर के देइपोल के नलकूप व हाउङ्क्षसग बोर्ड से भी जलाशय में पूरा पानी नहीं आ रहा है। विभाग के अधिकारी भी मान रहे है कि शहर में 72 घण्टे में जलापूर्ति हो पा रही है।
देइपोल में लगे नलकूप की मोटर आठ दिन जली पड़ी है। बांध के एक नलकूप की लाइन टूटी पड़ी है तो दूसरे नलकूप की मोटर जली पड़ी है। पूरे नलकूपो से पानी नहीं मिल पाने से जलदाय विभाग, देइपोल व विद्युत निगम के पास वाले उच्च जलाशय खाली रहने से जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। आधे से ज्यादा शहर में जलाशयों से जलापूर्ति हो पाती है। गुरुवार को पानी कम आने से शुक्रवार को जलाशय खाली रह गए। पाईबालापुरा पेयजल योजना से आधा ही पानी पहुंच पाने से सीधी बूङ्क्षस्टग वाले वाले जोन में भी 72 घण्टे बाद जलापूर्ति हो रही है।
जलदाय विभाग के सूत्रों ने बताया कि बांध लबालब होने से वहां पर लगे नलकूपों में पानी की कोई कमी नहीं है। बांध पर दस नलकूप चालू स्थिति में होने के बाद भी संचालन सही नहीं हो पा रहा, जिससे जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शुक्रवार को भी 72 घण्टे बाद एक तिहाई शहर में ही जलापूर्ति हो पाई है। शाम तक भी दो तिहाई शहर के लोग नलों में पानी आने का इंतजार ही करते रहे।