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आपकी बात, रोजगार के अवसर कैसे बढ़ सकते हैं?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया, पाठकों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

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Training related schemes for employment in Singrauli due to lockdown

Training related schemes for employment in Singrauli due to lockdown

शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुखी बनाया जाए
गांवो में कृषि के अलावा फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल डिजाइनिंग जैसे छोटे-छोटे उद्योग स्थापित कर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं। साथ ही बढ़ती हुई जनसंख्या पर रोक लगानी होगी और शिक्षा प्रणामी में समुचित परिवर्तन करना होगा। ऐसी शिक्षा दी जाए, जिसे पाकर युवा रोजगार की दिशा में अग्रसर हो सके। हमें शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुखी बनाना होगा। लघु उद्योग, कुटीर उद्योग को अपनी क्षमता के अनुसार विकसित कर रोजगार पाया जा सकता है। पापड़ उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, तौलिया निर्माण जैसे कई उद्योग हैं, जिनको अपनाकर रोजगार अर्जित किया जा सकता है।
-विद्याशंकर पाठक, सरोदा, डूंगरपुर
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सरकार और समाज मिलकर प्रयास करें
हमारे देश में युवाओं की काफी बड़ी संख्या है, मगर तेजी से बढ़ती बेरोजगारी आज विकराल समस्या बनती जा रही है । हर वर्ष लाखों शिक्षित युवा बेरोजगारों पंक्ति में शामिल हो रहे हैं। रोजगार बढऩा तो दूर बल्कि जिन हाथों में रोजगार था वे हाथ भी अब रोजगार विहिन हो गए हैं। बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। आज कृषि पर विशेष ध्यान देना होगा। साथ ही लघु व कुटीर उद्योग भी बेरोजगारी को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएं।
-साजिद अली, इंदौर
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लघु उद्योगों को बढ़ावा दे सरकार
वर्तमान में सम्पूर्ण देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। देश की वर्तमान स्थिति अत्यंत ही चिंताजनक है। अब समय है नोट बंदी के दौरान बन्द हुए लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का, जिससे न केवल बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, साथ ही देश की मंद पड़ती अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। उद्योगों को बढ़ावा देकर सरकार देश के व्यवसाइयों में भी आत्मविश्वास उत्पन्न कर पाएगी। साथ ही कौशल शिक्षा को बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार सृजित करने के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सकें।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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हर पंचायत मुख्यालय पर फ़ैक्टरी खोली जाए
रोजगार के अवसर बढ़ाने का एक ही तरीका है कि हर पंचायत मुख्यालय पर फ़ैक्टरी खोली जाए और बेरोजगारों को ऋण दिया जाए। मुश्किल यह है कि जो अपना धंधा करना चाहता है उसको लोन नहीं मिलता है।
-प्रताप सिंह लूणवा, नावा, नागौर
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कुटीर उद्योग को प्राथमिकता दी जाए
देश में लघु कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की जरूरत है। स्वदेशी अपनाने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाए। मुश्किल यह है कि सरकार स्वदेशी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगा देती है। इससे उनका बाजार मूल्य बढ़ जाता हैं और ये वस्तुएं विदेशी सस्ती वस्तुओं के आगे टिक नहीं पातीं। इस ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में स्कूल या कॉलेज स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा सहित अन्य रोजगारपरक विषयों को कोई विशेष स्थान नहीं दिया गया है। लघु व कुटीर उद्योग व्यापक रूप से बेरोजगारी की समस्या को दूर कर सकते हैं, किन्तु वर्तमान में अपनी शिक्षा पूर्ण कर लेने के बाद युवा इस स्थिति में नहीं होता है कि वह समझ सके कि उसे क्या करना है और कैसे करना है। अत: स्कूली स्तर से ही रोजगारपरक विषयों को पाठ्यक्रम में विशेष स्थान दिया जाए, जिससे कि रोजगार के अवसर बढ़ सके ताकि रोजगार के लिए केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भरता नहीं रहे।
-शिवराज मालव, तालेड़ा, बूंदी
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सरकार की भूमिका महत्त्वपूर्ण
रोजगार बढ़ाने में सरकार की भूमिका अहम है। ग्रामीण क्षेत्र में सरकार के सहयोग से जल, भू एवं पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जाए। सौर ऊर्जा उत्पादन के कार्य वृहद् स्तर पर संचालित हों। हस्त निर्मित उद्योगों को बढ़ावा मिले और ऑटोमेटिक मशीनों से बने उत्पादों पर रोक लगे। श्रम पर जोर दिया जाय। साथ ही पशुपालन, दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विशेष कार्य करने की नितांत आवश्यकता है। शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा योजना रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
-भगवान प्रसाद गौड़, मीरानगर,उदयपुर
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कृषि को बढ़ावा दिया जाए
कृषि का भारत की जीडीपी में बड़ा योगदान है। हमें कृषि औऱ सम्बद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देना होगा। इनमें आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर आय बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। देश में पारम्परिक-पैतृक कार्य की ओर रुझान को प्रोत्साहित करने और उनके उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने से रोजगार सृजन में सहयोग मिलेगा। देश के लुप्त कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करना चाहिए। हमारे टैक्स के ढांचे को सरल बनाकर और नए उद्योगों को राहत दे कर औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। युवाओं को नौकरी की बजाय स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने से रोजगार के ज्यादा अवसर बढ़ सकते हैं।
-सुभाष चंद्र पारीक, जयपुर
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जनसंख्या नियंत्रण जरूरी
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए जनसंख्या वृद्धि को रोकें। महज डिग्री नहीं, अपितु रोजगारपरक शिक्षा दी जाए। शिक्षण में प्रायोगिक, व्यावहारिक और अनुप्रयोग आधारित शिक्षा का समावेश हो। स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए आसानी से ऋण मुहैया करवाया जाना चाहिए। सरकारी नौकरी की जगह लघु, मझौले उद्योगों या स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
-मोहित सोनी, कुक्षी
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नियमों का सरलीकरण जरूरी
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए जरूरी है कि सरकार उद्योग लगाने से सम्बंधित नियमों में सुधार करे और उन्हें सरल बनाए। इससे उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को ज्यादा रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही हम सबको स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना होगा। घरेलू एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।
-लालू वैष्णव, अगवरी, जालौर
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उद्योग व कृषि क्षेत्र पर ध्यान दिया जाए
सरकार को उद्योग धंधो व कृषि क्षेत्र पर फोकस करके योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। कृषि क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार करके हम ग्रामीण आबादी को रोजगार के अवसर गांव में ही मुहैया करा सकते हंै, ताकि उन्हें शहरों की तरफ पलायन ना करना पड़े। देश की युवा शक्ति के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण आरम्भ करने चाहिए और उनको वित्तीय सहायता भी दी जाए, जिससे वे स्वयं का उद्योग शुरू कर सकें।
-गुमान दायमा हरसौर, नागौर
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कौशल शिक्षा जरूरी
गांवों में लघु एवं कुटीर उद्योगों, मत्स्य पालन, डेयरी उद्योग, कृषि तकनीक में वृद्धि करने से पलायन कम होगा। उद्योगों में मशीनों की अपेक्षा मानवशक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए तथा स्कूल स्तर पर छात्रों को कौशल शिक्षा प्रदान कर स्वरोजगार में बढ़ावा देना चाहिएं।
-गोपाल यादव, दुगर्, छत्तीसगढ़
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छोडऩा होगा सरकारी नौकरी का मोह
कई लोग सिर्फ सरकारी नौकरी को अच्छा मानते हुए सिर्फ वही पाने की जुगत में रहते हंै। इससे बेरोजगारों की संख्या बढ़ती है। कौशल उन्नयन के साथ लोगों के मन से किसी कार्य के प्रति पूर्वाग्रह किया जाना चाहिए। साथ ही हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लघु उद्योग लगाए जाएं।
-मोहित पाटीदार, धामनोद, मध्यप्रदेश
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पशुपालन को बढ़ावा दिया जाए
भारत में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। पशुपालन के ऊपर ध्यान केंद्रित करना होगा। खेती की नई तकनीक से युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
-उर्मिला सिसोदिया, बेंगलुरु
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कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाए
सरकारी नौकरी की चाहत में अधिकतर युवा बेरोजगार बैठे हुए हैं। युवा वर्ग को केवल इस पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना होगा। सभी को कृषि शिक्षा पर ध्यान देना होगा। साथ ही कौशल प्रशिक्षण बढ़ावा देना होगा। लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार बढ़ाए जा सकते हैं।
-शिवजीत परमार, धौलपुर
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हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जाए
खादी उद्योग और हाथ से बनाए जानेवाले सामान और कपड़ों के उद्योग को बढ़ावा दे कर सरकार रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकती है। इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। पूरी दुनिया में भारत के हस्तशिल्प की मांग है। इसलिए भारत सरकार को हथकरघा उद्योग और हाथ से की गई कढ़ाई, सिलाई और बुनाई को सरकारी उद्योग की तरह विकसित करना चाहिए।
-मधूलिका राय, जयपुर
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निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निजीकरण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में निजी सेक्टर ही सबसे अधिक रोगजार प्रदान करता है। सरकार से रोजगार की आशा करना ही अब तो व्यर्थ सा लगने लगा है। आज के समय मेें राजकीय विद्यालयों से ज्यादा निजी विद्याालय, राजकीय अस्पतालों से ज्यादा निजी अस्पताल, राजकीय बैंकों से ज्यादा निजी बैंक और,रोडवेज बसों से ज्यादा निजी बसों से रोजगार मिल रहा है।
-शुभम आजाद, सवाई माधोपुर
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ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगाए जाएं
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए हमें लघु और कुटीर उद्योग को प्राथमिकता देनी चाहिए। युवा उद्यमियों को कम दर पर ऋण मिले, जिससे वे आसानी से काम कर सकें। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को छोटे उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
-विजेंद्र कुमार जाँगिड़ जयपुर