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रिलीफ किट नहीं, तो बीजेपी नेता फर्जी टूलकिट ले आए – श्रीनिवास बी.वी

जनता के दर्द पर मरहम लगाने की जगह भाजपा के मंत्री और प्रवक्ता टूलकिट के नाम पर जनता को गुमराह करके मूर्ख बना रहे हैं।तकनीक की मदद से बहुत मुश्किल नहीं रहा अब झूठ पकडऩा।

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श्रीनिवास बी.वी. (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय युवा कांग्रेस)

श्रीनिवास बी.वी. (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय युवा कांग्रेस)

श्रीनिवास बी.वी. (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय युवा कांग्रेस)

यह आपदा का ऐसा दौर है जिसमें इंसानियत का जज्बा रखने वाला हर व्यक्ति अपने पूरे प्रयास से लोगों को बचाने में जुटा है। डॉक्टर, नर्स, लैबकर्मी और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों को देखिए, हर दिन मौत और संक्रमण के बीच ही वे अपना वक्त बिता रहे हैं, इसलिए कि लोगों की जान बचा सकें और उन्हें बीमारी से ठीक कर सकें। बहुत से लोग मरीज के तीमारदारों को खाना-पानी पहुंचा रहे हैं ताकि उनकी तकलीफ कम हो सके। यह तो ऐसा समय है कि आप अकेले पड़ गए लोगों से रोज सिर्फ थोड़ी देर सुकून देने वाली बात कर लें तो वह भी एक मदद होगी।

लेकिन पूरा देश देख रहा है कि कुछ लोग इस पूरी आपदा के दौरान लोगों की मदद करने की बजाय उनका दर्द बढ़ा रहे हैं। जिस दौर में लोग ऑक्सीजन, दवाइयों, अस्पताल में बेड की कमी के चलते दम तोड़ रहे हैं, उस दौर में जनता के दर्द पर मरहम लगाने की जगह भाजपा के मंत्री और प्रवक्ता टूलकिट के नाम पर जनता को गुमराह करके मूर्ख बना रहे हैं। जरूरतमंदों के लिए मेडिकल किट, राशन किट, कोरोना रिलीफ किट बनाने की जगह 'फर्जी टूलकिट' बनाने का खेल खेला जा रहा है। ये सभी वे ही लोग हैं जिनको आपने आपदा के दौरान सिर्फ सरकार के गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए झूठ बोलने के सिवाय कुछ करते हुए नहीं देखा होगा।

पहले तो इन्होंने आपदा को ले कर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। खतरा सिर पर मंडरा रहा था और हमारी सरकार दावा कर रही थी कि हमने जीत हासिल कर ली है। जब श्मशानों में शवों का अंबार दिख रहा था तो ये अपनी सभाओं में भीड़ देख कर खुश हो रहे थे। इन्हें झूठा प्रचार और भाषण के अलावा कुछ नहीं आता। इस एक साल के कीमती समय को भी इन्होंने अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, आइसीयू बेड, वेंटिलेटर बेड, दवाओं का भंडारण बढ़ाने की जगह सिर्फ चुनावी रैलियों और झूठ का अंबार लगाया। एक तरफ शमशान के बाहर फुटपाथ और सड़कों पर लाशें जल रही थीं, तो दूसरी तरह प्रधानमंत्री की लाखों की रैलियां थीं।

परिणाम किसी से छुपा हुआ नहीं है, लाखों हिंदुस्तानियों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया। 90% से ज्यादा मौतें कोरोना से नहीं, बल्कि समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिल पाने की वजह से हुईं, जिसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इतनी बदनामी के बाद भी गलतियां सुधारने की जगह अपनी कमियों को छुपाने में ही जुटे रहे। रोज तरह-तरह के झूठ गढ़ते रहे। कोई यह न पूछ ले कि गंगा के तट पर हिन्दू रीति-रिवाजों के विपरीत हजारों शव जमीन में क्यों दफन हैं, लाशें नदी में क्यों तैर रही हैं, इसीलिए भाजपा के वॉट्सएप यूनिवर्सिटी वाले नेता 'फर्जी टूलकिट' ले आए ताकि जनता को मूर्ख बनाया जा सके। 'फर्जी टूलकिट' को 'असली टूलकिट' बताने में मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री, भाजपा नेताओं ने कोई कसर नही छोड़ी। भ्रम पैदा करने के लिए इन्होंने कांग्रेस की ओर से तैयार किए गए एक ऐसे कागज का सहारा लिया जो तथ्यों पर आधारित था। उसमें फर्जीवाड़ा कर टूलकिट बना लिया और फिर मूल दस्तावेज का मेटाडेटा दिखा रहे हैं ताकि इनका झूठ सामने न आए। ऐसे घटिया खेल को तकनीक की मदद से पकडऩा बहुत मुश्किल नहीं रहा। सोशल मीडिया कंपनी ने भी इनके पोस्ट को 'मैनिपुलेटेड' घोषित कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी ने इनको बेनकाब करने के लिए कानून का सहारा लिया। जल्दी ही फर्जी टूलकिट बनाने वाले नेता सलाखों के पीछे होंगे। कानूनी कार्रवाई जारी है। जनता भी फर्जीवाड़े का सच और इनकी असलियत समझ चुकी है।