5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रसंगवश: जमीन खरीद-बिक्री की नई गाइडलाइन पर पुनर्विचार की जरूरत

आमलोगों पर आर्थिक भार बढ़ा, क्योंकि बढ़ोतरी 800 फीसदी तक भी जा पहुंची

2 min read
Google source verification
Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में सरकार ने जमीन खरीद-बिक्री की नई गाइडलाइन जारी की है, जो कि 20 नवंबर से प्रभावी हो गई है। सरकार ने दावा किया कि जमीन के बाजार मूल्य और सरकारी दरों में असमानता को दूर करने के लिए यह बदलाव किया गया है। पिछले कई वर्षों से जमीन के बाजार मूल्य और सरकारी गाइडलाइन दरों में भारी असमानता थी। सरकार के मुताबिक जमीन की प्रति वर्गमीटर व हेक्टेयर दरों में भी कीमतों को व्यावहारिक बनाया गया है।

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद जमीन खरीदी-बिक्री करने वाले आमलोगों पर एकाएक आर्थिक भार बढ़ गया। क्योंकि कई जिलों में जहां दरें दोगुनी हुई हैं, वहीं कुछ स्थानों पर यह बढ़ोतरी 700 फीसदी से लेकर 800 फीसदी तक पहुंच गई है। कई स्थानों पर तो स्थिति यह हो गई है कि जितनी कीमत की जमीन है, उसकी रजिस्ट्री भी उतनी ही कीमत पर हो रही है। यानी कि नई गाइडलाइन दरों के अनुसार अगर जमीन की कीमत 30 लाख रुपए है, तो उसकी रजिस्ट्री की दर भी 30 लाख रुपए तक पहुंच गई है। जमीन खरीद-बिक्री की इस नई गाइडलाइन के बाद से पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। लगभग सभी जगह इसका विरोध हो रहा है। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया डंडा भी चला है। इसके बाद से सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दल ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी के जानकारों की मानें तो नई दरें इतनी अधिक हैं कि असली सौदों की जगह कागजी सौदों का दौर लौट आएगा। असली सौदे घटेंगे यानी रजिस्ट्री होनी कम हो जाएंगी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। साथ ही जमीन-जायदाद के सौदों में कालेधन की वापसी होगी। आमलोगों और विपक्षी दल द्वारा किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन को सत्तारूढ़ दल के एक सांसद का भी समर्थन मिला है। उन्होंने भी इसे अव्यावहारिक बताया है और तत्काल रोकने की मांग अपनी ही सरकार से की है।

अब सरकार को भी चाहिए कि जनहित में जमीन खरीद-बिक्री की नई गाइडलाइन पर पुनर्विचार करे। विशेषज्ञों के साथ मिलकर इसपर नए सिरे से अध्ययन करे और दरों को व्यावहारिक बनाए ताकि आमलोगों को आर्थिक भार से बचाया जा सके।-अनुपम राजीव राजवैद्य anupam.rajiv@in.patrika.com