जो फिल्में जलवायु परिवर्तन पर अनुकूल प्रतिक्रिया की टोह लेती हैं, उनमें भी नकारात्मक कल्पनाएं हावी रहती हैं। ‘इंटरस्टैलर’ में भी दिखाया गया है कि मानवता पृथ्वी से कहीं दूर जा कर बसी है, क्योंकि पृथ्वी को बचाया नहीं जा सकता। जेम्स कैमरून की पहली ‘अवतार’ मूवी में दिखाया गया कि संसाधनों के अभाव में मनुष्य जाति पूरी गैलेक्सी पर झपट पड़ती है। सही है कि दर्शकों को यह बताना जरूरी है कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम गंभीर हो सकते हैं, लेकिन सारे राजनीतिक बदलावों के साथ इस संबंध में जागरूकता ही काम आएगी।
अगर फिल्म निर्माता या राजनेता चाहते हैं कि जनता नई आदतें अपनाए, तो बजाय निराशा के आम आदमी को नया दृष्टिकोण देने की जरूरत है। सच यह है कि आम आदमी फिल्मों से ही सीखे, जरूरी नहीं। बहुत से लोग फिल्में देखते ही नहीं। टेस्ला की ही कहानी ले लीजिए। आसानी से माना जा सकता है कि इससे हर कोई वाकिफ है। इसके सीईओ एलन मस्क ने खुद को सर्वव्यापी नाम बना लिया है। यह गलती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल रिपोर्टर टिम हिगिन की टेस्ला पर लिखी गई किताब ‘पावर प्ले’ के मुताबिक टेस्ला का असल नायक कम्पनी का पूर्व तकनीकी अधिकारी जे.बी. स्ट्रॉबैल जैसा कोई व्यक्ति होना चाहिए, जिसने टेस्ला की कारों के शक्तिशाली बैटरी पैक डिजाइन किए। स्ट्रॉबेल की मुख्य भूमिका वाली ‘पावर प्ले’ फिल्म ‘फोर्ड वी फरारी’ जैसी हो सकती है, जिसमें दुनिया को जीवाश्म ईंधन के दुष्प्रभावों से बचाते हुए दिखाया जा सकता है।
जलवायु परिवर्तन पर UN की डराने वाली रिपोर्ट, नहीं संभले तो सब कुछ हो जाएगा तबाह
‘द मिनिस्ट्री फॉर द फ्यूचर’ के उपन्यासकार किम स्टैनले रॉबिन्सन ने यह कल्पना करने में दशकों लगा दिए कि मानव प्रतिक्रियाएं क्या होंगी जब कठिन परिस्थितियां सामने होंगी जैसे कि डूबता हुआ न्यूयॉर्क शहर! उनकी ‘मार्स’ ट्राइलॉजी (उपन्यास शृंखला) सदियों से चली आ रही कल्पना का ही शब्द चित्र खींचती है कि कैसे धर्म से लेकर कॉरपोरेट गवर्नेंस तक मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में उसके क्षितिज तले विकसित होंगे।
रॉबिन्सन के ही एक अन्य उपन्यास ‘न्यूयॉर्क 2140’ में भी जलवायु परिवर्तन के भयावह स्वरूप की बात की गई है। रॉबिन्सन के कथानक के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन हमारा जीवन उलट-पलट देगा, लेकिन हम सब धरती के इस रूपांतरण पर अपनी प्रतिक्रिया में कुछ योगदान तो दे ही सकते हैं। ‘रैमिनिसेंस’ का अंत पैसे के बल पर बाढ़ से अपने बचाव का रास्ता निकालने वाले कुलीन वर्ग के खिलाफ विद्रोह की संभावना की ओर इशारा करता है। ह्यू जैकमैन का चरित्र एक संवाद में कहता है – ‘एक रिसाव ने ही बाढ़ की शक्ल ले ली… हो सकता है इस बार यह दुनिया को धो डाले।’ निश्चित ही मनुष्य को साफ-सुथरी स्लेट मिलेगी तो वह उस पर कुछ नया लिखेगा भी।