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Patrika Opinion : कैसे बने सीबीआइ मजबूत और स्वतंत्र

मद्रास हाईकोर्ट ने 12 सूत्रीय सुझाव भी सरकार को दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सीबीआइ संसद के प्रति उत्तरदायी बने, जैसे कि कैग और चुनाव आयोग जैसी संस्थाएं हैं। अपने सुझावों में हाईकोर्ट ने कहा है कि सीबीआइ के पूरे स्ट्रक्चर को सुधारने की जरूरत है।

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कैसे बने सीबीआइ मजबूत और स्वतंत्र

कैसे बने सीबीआइ मजबूत और स्वतंत्र

मद्रास हाईकोर्ट Madras High Court ने एक मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआइ CBI के बारे में महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि सीबीआइ को ज्यादा ताकतवर और स्वतंत्र बनाने की जरूरत है। इसके लिए हाईकोर्ट ने 12 सूत्रीय सुझाव भी सरकार को दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सीबीआइ संसद के प्रति उत्तरदायी बने, जैसे कि कैग और चुनाव आयोग जैसी संस्थाएं हैं। अपने सुझावों में हाईकोर्ट ने कहा है कि सीबीआइ के पूरे स्ट्रक्चर को सुधारने की जरूरत है। इसके लिए अलग बजट तय हो, सीबीआइ निदेशक को केंद्र सरकार के सचिव के बराबर शक्तियां दी जाएं। जांच एजेंसी को पूरा तकनीकी सहयोग मिले और जरूरत के हिसाब से इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया जाए।

दरअसल, यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब सीबीआइ पर राजनीतिक दुरुपयोग के आरोप लगातार लग रहे हैं। केंद्र में किसी भी दल की सरकार आए, इस केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल विरोधियों को सबक सिखाने के लिए राजनीतिक हथियार के रूप में करने के आरोप लगते रहे हंै। सीबीआइ को स्वतंत्र करना आज का प्रमुख मुद्दा है। निदेशक की नियुक्ति से लेकर इसके बजट तक को अलग करने की जरूरत है, ताकि यह संस्था पूरी स्वतंत्रता के साथ काम कर सके। अभी संस्था डीओपीटी मंत्रालय के तहत काम करती है। आम तौर पर यह मंत्रालय प्रधानमंत्री के अधीन ही रहता है। ऐसे में कई बार निदेशक की नियुक्ति से लेकर इसके परिचालन में सीधे राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका के आरोप लगते रहे हैं।

दूसरा पक्ष यह भी है कि राज्यों के भीतर होने वाले कई मामलों में सीबीआइ जांच की मांग की जाती है, क्योंकि राज्य की एजेंसियां पहले से ही अपना भरोसा खो चुकी हैं। मुश्किल यह है कि सीबीआइ कई बार गंभीर मामलों से भी यह कहकर किनारा कर लेती है कि जांच करने के लिए उसके पास पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। ऐसे में जांच एजेंसी को ताकत देने की बहुत जरूरत है, ताकि वह ईमानदारी और तेजी के साथ मामले की जांच कर सके। इन हालात में सीबीआइ को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

वर्तमान में देश में एक भरोसेमंद और स्वतंत्र जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की जा रही हो। ऐसी हालत में सीबीआइ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी को क्यों नहीं मजबूती के साथ खड़ा किया जाए? केंद्र की मोदी सरकार कई मामलों में नई पहल कर चुकी है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि वह सीबीआइ को मजबूत करने के लिए सुझाए गए मद्रास हाईकोर्ट के सुझावों पर गंभीरता से मंथन कर कोई बेहतर रास्ता निकालेगी।