
Jack Dorsey
- सनी बंच कल्चर एडिटर, द बुलवर्क
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप का ट्विटर अकाउंट स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के बाद ट्विटर के सीइओ जैक डोर्सी ने बुधवार को इस पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने लिखा कि यह फैसला गुस्से से कहीं ज्यादा अफसोस में लिया गया था। हालांकि यह जरूरी हो गया था क्योंकि ट्रंप के शब्द जनसुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे थे। उन्होंने यह भी लिखा है कि अंतत: ट्रंप के अकाउंट पर बैन लगाना स्वस्थ संवाद को बढ़ावा देने की हमारी कोशिशों की विफलता है। दरअसल, सोशल मीडिया नेटवर्क समाज के सूक्ष्म रूप से ज्यादा कुछ नहीं है और समाज को बड़े पैमाने पर हमेशा समाजकंटकों को हटाने के लिए एक तरीके की जरूरत होती है।
ट्विटर ने उत्पीडऩ कम करने की दिशा में उपकरण उपलब्ध कराने का अच्छा काम किया है। उनमें अनेक ऐसे फिल्टर हैं जो कम गुणवत्ता वाले अकाउंट्स के जवाबों को छिपाते हैं और नियंत्रण रखते हैं। ट्रंप की बात की जाए तो उन्होंने 2020 के चुनाव के बारे में नाटकीय रूप से इस विशाल प्लेटफार्म का उपयोग किया। इतना कि उन्होंने अमरीका की महान परम्परा 'सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण' को जोखिम में डाल दिया।
ऐसे में समाज को बुरी तरह से प्रभावित करने की ट्रंप की क्षमता को बाधित करना सही है। लेकिन ट्विटर की समस्या नियम लागू करने में निरंतरता का अभाव है। ट्रंप पर प्रतिबंध लगाने, लेकिन चीन के शिनजियांग में चल रहे बंदी शिविरों के बारे में दुष्प्रचार के लिए ट्विटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाने के पीछे क्या कारण है? डोर्सी क्या तर्क देंगे कि अमरीकी चुनाव प्रक्रिया में भरोसे को कमतर करने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति को मौन कर दिया जाए, पर कोरोना वैक्सीन को लेकर ईरानी धर्मतंत्र के मुखिया को षडयंत्रकारी धारणाएं फैलाने दी जाएं। मेरा हमेशा से ही मानना है
कि सोशल मीडिया वही है जैसा हम इसे बनाते हैं, और यही बात समाज पर लागू होती है। लेकिन समाज पुलिस, जजों और जेलों की न्याय व्यवस्था के बिना नहीं रह सकता। सुनिश्चित करना होगा कि असामाजिक तत्व समाज से दूर रहें। डोर्सी को सोशल मीडिया की न्याय प्रणाली बनाने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, बजाय गले पड़ी मुसीबत से किसी तरह पीछा छुड़ाने का रास्ता तलाशने के।
- द वॉशिंगटन पोस्ट
Published on:
16 Jan 2021 07:54 am
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