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Patrika Opinion: विराट कोहली ने दिया जश्न का एक और अवसर

विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 27,000 रन बनाने का कमाल भी किया। उनका इस पायदान पर पहुंचना इसलिए भी खास है कि उन्होंने न केवल सचिन तेंदुलकर का रेकॉर्ड तोड़ा बल्कि इतने ही रन बनाने वाले तीन अन्य बैटर्स से सबसे कम पारियां खेली हैं। कोहली ने 594 पारियों में यह रेकॉर्ड बनाया है।

जयपुरOct 01, 2024 / 09:57 pm

Anil Kailay

कानपुर में बांग्लादेश के साथ खेला गया दूसरा क्रिकेट टेस्ट मैच कई मायनों में याद रखा जाएगा। ढाई दिन का खेल वर्षा की भेंट चढऩे के बावजूद ढाई दिन में मैच जीतकर भारत घरेलू मैदान पर अजेय रहा। इस मैच में जितने रेकॉर्ड बने, शायद ही इससे पहले किसी मैच में बने हों। रवीन्द्र जडेजा ने खालिद उस्मान का विकेट झोली में डालकर 300 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले बाएं हाथ का स्पिनर बनने का गौरव हासिल किया। साथ ही वह टेस्ट मैचों में 3000 रन और 300 विकेट लेने वाले भारतीय खिलाडिय़ों के क्लब में शामिल हो गए। जडेजा से पहले यह सम्मान कपिल देव और रविचंद्रन अश्विन हासिल कर चुके हैं। भारत ने टेस्ट इतिहास में 18 गेंदों पर 50, 61 गेंदों पर 100, 110 गेंदों पर 150 और 146 गेंदों पर 200 रन बनाने का कीर्तिमान बनाया। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ने सलामी जोड़ी के रूप में 23 गेंदों पर 55 रन ठोककर सबसे तेज अद्र्धशतक बनाने का रेकॉर्ड भी स्थापित किया।
उपरोक्त तमाम उपलब्धियों के बीच विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 27,000 रन बनाने का कमाल भी किया। उनका इस पायदान पर पहुंचना इसलिए भी खास है कि उन्होंने न केवल सचिन तेंदुलकर का रेकॉर्ड तोड़ा बल्कि इतने ही रन बनाने वाले तीन अन्य बैटर्स से सबसे कम पारियां खेली हैं। कोहली ने 594 पारियों में यह रेकॉर्ड बनाया है। तेंदुलकर ने 623 पारियों में 27,000 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग ने 650 और श्रीलंका के कुमार संगकारा ने 648 पारियों में इतने रन बनाए। कोहली का ये रेकॉर्ड इसलिए भी मायने रखता है कि उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में समान अधिकार हासिल किया है। असाधारण फिटनेस, अनुशासन, कौशल, मानसिक मजबूती, तकनीकी श्रेष्ठता और निरंतरता कोहली को अन्य खिलाडिय़ों से अलग दर्जा प्रदान करती है। कोहली कभी भी फिटनेस की वजह से टीम से अलग नहीं किए गए। एक दिवसीय मैच हो या टी20, उनके जैसा रन चेजर दूसरा कोई नहीं बन पाया। रन बनाने की उनकी जैसी भूख अन्य खिलाडिय़ों में कम नजर आती है। बड़े मैचों में जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है वे हमेशा आगे बढक़र जिम्मेदारी लेते हैं।
विराट कोहली की इस उपलब्धि ने उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है। विराट की यात्रा प्रेरणादायक है और उनकी उपलब्धियों ने युवा क्रिकेटरों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। विराट का खेल और उनकी क्षमता चरम पर है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वह आगे भी इसी तरह उपलब्धियों का सिलसिला जारी रखेंगे और युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

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