उपरोक्त तमाम उपलब्धियों के बीच विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 27,000 रन बनाने का कमाल भी किया। उनका इस पायदान पर पहुंचना इसलिए भी खास है कि उन्होंने न केवल सचिन तेंदुलकर का रेकॉर्ड तोड़ा बल्कि इतने ही रन बनाने वाले तीन अन्य बैटर्स से सबसे कम पारियां खेली हैं। कोहली ने 594 पारियों में यह रेकॉर्ड बनाया है। तेंदुलकर ने 623 पारियों में 27,000 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग ने 650 और श्रीलंका के कुमार संगकारा ने 648 पारियों में इतने रन बनाए। कोहली का ये रेकॉर्ड इसलिए भी मायने रखता है कि उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में समान अधिकार हासिल किया है। असाधारण फिटनेस, अनुशासन, कौशल, मानसिक मजबूती, तकनीकी श्रेष्ठता और निरंतरता कोहली को अन्य खिलाडिय़ों से अलग दर्जा प्रदान करती है। कोहली कभी भी फिटनेस की वजह से टीम से अलग नहीं किए गए। एक दिवसीय मैच हो या टी20, उनके जैसा रन चेजर दूसरा कोई नहीं बन पाया। रन बनाने की उनकी जैसी भूख अन्य खिलाडिय़ों में कम नजर आती है। बड़े मैचों में जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है वे हमेशा आगे बढक़र जिम्मेदारी लेते हैं।
विराट कोहली की इस उपलब्धि ने उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है। विराट की यात्रा प्रेरणादायक है और उनकी उपलब्धियों ने युवा क्रिकेटरों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। विराट का खेल और उनकी क्षमता चरम पर है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वह आगे भी इसी तरह उपलब्धियों का सिलसिला जारी रखेंगे और युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।