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तैयार हुई टेस्ट की विराट जमीं

चेन्नई टेस्ट खत्म होने के करीब 24 घंटे बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टेस्ट टीमों की रैंकिंग

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Mukesh Kumar Sharma

Dec 21, 2016

Chennai Test

Chennai Test

चेन्नई टेस्ट खत्म होने के करीब 24 घंटे बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टेस्ट टीमों की रैंकिंग की घोषणा कर दी। भारतीय टीम इस रैंकिंग में वैसे तो पहले से ही नंबर एक पर काबिज थी और उसके ताज को कोई खतरा नहीं था लेकिन इस सूची में भारत और दुनिया की बाकी टेस्ट टीमों के बीच का फासला काफी हैरान करने वाला रहा। भारतीय टीम 120 रेटिंग्स प्वाइंट्स के साथ नंबर एक पर है लेकिन नंबर दो पर बनी हुई ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास 105 रेटिंग्स प्वाइंट्स हैं।


यानी भारत और ऑस्टे्रलिया के बीच 15 अंकों का एक बड़ा फासला है, जिसे पाटना कंगारुओं के लिए कम से कम अगले एक साल में मुमकिन नहीं दिखता है। वहीं ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद के पायदान पर आने वाली टीमों की रेटिंग्स देखें तो उनके बीच काफी मामूली अंतर दिखता है। पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीकी टीम के 102-102 अंक हैं तो वहीं इंग्लैंड टीम के पास 101 अंक हैं और कीवी (न्यूजीलैंड) टीम और श्रीलंका के पास 96-96 अंक हैं। जाहिर है कि नंबर दो से लेकर नंबर सात तक की टेस्ट टीमों की रेटिंग्स में कोई खास अंतर नहीं है और इनमें से कोई भी एक टीम किसी टेस्ट सीरीज में बेहतरीन जीत के जरिए कभी भी नंबर दो पर पहुंच सकती है।


लेकिन वर्ष 2016 में नंबर एक पर काबिज भारतीय टीम को सिंहासन से हिलाने के बारे में बाकी टीमें अभी सोच भी नहीं सकती हैं। चेन्नई टेस्ट के पांचवें दिन टीम इंडिया ने इंग्लैंड को एक पारी और 75 रनों से हराकर 5 मैचों की सीरीज 4-0 से अपने नाम कर ली और इस ऐतिहासिक जीत के सबसे बड़े नायक रहे खुद कप्तान विराट कोहली। विराट को 'मैन ऑफ द सीरीजÓ का पुरस्कार दिया गया। इस सीरीज के 05 मैचों में सबसे ज्यादा रन कप्तान कोहली ने ही बनाए ; 655 रन।


ये रन उन्होंने 109.16 की औसत से बनाए, जिसमें 2 शतक औऱ 2 अर्धशतक शामिल हैं। इसके चलते भारत के कामयाब ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की बजाए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का खिताब मिला। वैसे कोहली को सीरीज का सबसे बड़ा खिलाड़ी चुनने की और कई वजह भी रहीं। पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ किसी भारतीय कप्तान को एक ही सीरीज में 4 मैचों में जीत मिली। इतना ही नहीं इंग्लैंड के खिलाफ आठ साल बाद किसी टेस्ट सीरीज में भारत को जीत मिली।


और तो और, टीम इंडिया ने लगातार 18 टेस्ट मैचों से हार का मुंह नहीं देखा है और ये भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा अजेय रथ है। लेकिन कप्तान कोहली सिर्फ इस जीत से ही खुश नहीं है। उनका कहना है कि ये तो टेस्ट के नए सफर की सिर्फ शुरुआत भर है और आने वाले बरसों में टेस्ट क्रिकेट में उनकी युवा टीम काफी कुछ हासिल करने का माद्दा रखती है। आंकड़ों पर गौर करें तो भारतीय टीम ही इकलौती ऐसी टीम है, जो इस साल टेस्ट मैचों में अजेय रही है। भारतीय टीम ने इस साल 12 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से उसे नौ में जीत हासिल हुई और तीन ड्रॉ रहे। वहीं अन्य बड़ी टीमों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो ऑस्टे्रलिया ने इस साल दस टेस्ट खेले, जिसमें से उसे चार जीत मिलीं और पांच मैंचों में हार का सामना करना पड़ा।


न्यूजीलैंड ने 11 मैच खेले, जिसमें से छह मैच हारे और चार ही जीते, पाकिस्तान ने 10 मैचों में से चार जीते और छह हारे, दक्षिण अफ्रीका ने 08 मैच खेले, चार जीते और दो हारे। यानी भारत ने इस साल काबिले तारीफ प्रदर्शन किया है। कप्तान कोहली जानते हैं कि कप्तान के तौर पर उनकी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से अलग और खास पहचान तभी बन पाएगी जब वो क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में असाधारण कामयाबी हासिल करें, जैसा कि महेंद्र सिंह धोनी ने वन-डे और टी-20 फॉर्मेट में हासिल करके दिखाया है। चेन्नई टेस्ट में पांचवे दिन लंच के समय तक भी किसी ने शायद ही सोचा हो कि भारत दिन का खेल खत्म होने से आधे घंटे पहले मैच जीत सकता है। आखिरकार, क्रिकेट इतिहास में किसी भी टीम ने इससे पहले पहली पारी में 477 रन बनाकर पारी की हार का मुंह नहीं देखा था।


पहले 39.3 ओवर में 104 रन बनाने वाली इंग्लैंड टीम नाटकीय अंदाज में लंच और चाय के बाद ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। अगले 48.3 ओवर में मेजबान ने 10 विकेट सिर्फ 103 रन बनाकर खो दिए। अपने खिलाडिय़ों में जीत की ऐसी भूख डालना कि वो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी मैच जीतने की उम्मीद ना छोड़ें, यह कोहली की टीम की खासियत बनती जा रही है। चेन्नई में भारत ने अपने इतिहास में सबसे ज्यादा 14 टेस्ट जीत का रिकॉर्ड भी बना लिया है।


कोहली ने कप्तान के तौर पर एक साल में सबसे ज्यादा 9 टेस्ट जीत का रिकॉर्ड बनाया और साथ ही 22 टेस्ट में से कोहली ने सबसे ज्यादा 14 टेस्ट जीते हैं, जो महेंद्र सिंह धोनी से बेहतर है। पिछले 15 साल में दुनिया की किसी भी टीम ने लगातार 18 टेस्ट तक अजेय रहने का रिकॉर्ड नहीं बनाया है। आखिरी बार 2001 में स्टीव वॉ की टीम ने ये कमाल दिखाया था। लगता है कि कोहली की टीम भी उसी राह पर है। बस, अब कोहली की टीम को विदेशी जमीं पर भी यह कमाल दोहराना बाकी है।

विमल कुमार वरिष्ठ खेल पत्रकार