
विश्व दृष्टि दिवस : स्मार्टफोन और कंप्यूटर ने बढ़ाई आंखों की मुश्किल
डॉ. सुरेश पाण्डेय, वरिष्ठ नेत्र सर्जन, अनेक मेडिकल पुस्तकों के लेखक
प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 14 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व दृष्टि दिवस की थीम है 'लव योर आईज'। सस्ते स्मार्टफोन की उपलब्धता, इंटरनेट कनेक्शन, सस्ते डेटा प्लान के चलते आज देशभर में 75 करोड़ से अधिक व्यक्ति प्रतिदिन स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हंै। भारत में विश्वभर में चीन के बाद सबसे अधिक स्मार्टफोन यूजर्स हैं। ऑनलाइन क्लासेज एवं घर पर काम करने के कारण कोरोनाकाल में बढ़ते स्क्रीन टाइम से डिजिटल आई स्ट्रेन का खतरा बढ़ा है। स्मार्टफोन के उपयोगकत्र्ता नोमोफोबिया नामक नई बीमारी का शिकार होते जा रहे है, जिसका अर्थ है स्मार्टफोन के बिना डर लगना अथवा बार-बार स्मार्टफोन फोन चेक करना, स्मार्टफोन के साथ सोना, स्मार्टफोन न मिलने पर घबराहट होना, पसीना छूटना, लो-बेट्री होने पर गुस्सा आना अथवा डिप्रेशन में चले जाना।
स्मार्टफोन एडिक्शन बढ़ता जा रहा है। अधिकांश लोगों की आंखों में चकाचौंध लगना, धुंधलापन, जलन, थकान, सिरदर्द, नेत्रदर्द, चश्मे का माइनस नम्बर (मायोपिया) बढऩा जैसी नेत्र समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कोरोनाकाल खण्ड के दौरान बच्चों में मायोपिया नामक दृष्टि दोष बहुत तेजी से बढ़ा है। स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों पर दुष्प्रभाव डालती है। रात्रि में सोने से पहले स्मार्टफोन का उपयोग करने पर नींद में व्यवधान हो सकता है।
छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन का उपयोग खिलौनों के रूप में कर रहे है। व्यस्त माता-पिता, छोटे परिवार और एक संतान के चलते बच्चों का एकाकीपन दूर करने के लिए स्मार्टफोन को अपने छोटे बच्चों को पकड़ा देते हैं। इससे बच्चों को स्मार्टफोन की लत लग जाती है। इससे अनेक मानसिक, वैचारिक एवं शारीरिक परिवर्तन हो रहे हैं। स्मार्टफोन के माध्यम से सोशल मीडिया पर बच्चे आजकल कई-कई घंटे व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण उनका सामाजिक एवं मानसिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। इन बच्चों को पढ़ाई में एकाग्रता की कमी महसूस हो रही है एवं अनेक नेत्र समस्याएं भी जन्म ले रही हैं। ध्यान रहे कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल 10 वर्ष से छोटे बच्चे नहीं करें अथवा सीमित करें। स्मार्टफोन की स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें।
माता-पिता बच्चों को स्मार्टफोन के सीमित उपयोग के लिए निर्देशित करें एवं स्वयं भी स्मार्टफोन का उपयोग सीमित समय के लिए करें। रात को अंधेरे में लाइट बंद करके स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करें। सोने से 1 घंटे पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। लम्बे समय तक स्मार्टफोन के उपयोग से सिरदर्द, आंखों में चुभन, धुंधलापन होने पर नेत्र विशेषज्ञ से तुंरत सम्पर्क करें। बेहतर तो यह है कि सोते समय अपने स्मार्टफोन को कमरे से बाहर रख दें। बच्चों को 'डिजिटल डिटॉक्स' के बारे में समझाएं एवं नियमित रूप से आउटडोर एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करें।
मास्क का उपयोग कोविड-19 महामारी के दौरान अति आवश्यक है। लम्बे समय तक डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने एवं मास्क लगाने के कारण भी कई तरह की बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। डिजिटल विजन सिंड्रोम से बचने के लिए कम्प्यूटर/स्मार्टफोन एवं अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने वाले व्यक्ति कम्प्यूटर स्क्रीन को 20 इंच की दूरी पर रखें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जी, फल, ओमेगा ३ फैटी एसिड युक्त भोज्य पदार्थों का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। अपनी आंखों से प्यार कीजिए, उनका ध्यान रखिए।
Published on:
14 Oct 2021 10:58 am
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