
सावधान रहने की जरूरत
अधिक वर्षा, भूकंप और मानवजनित गतिविधियों के कारण देश में भूस्खलन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
—अशोक कुमार जाणी, बाड़मेर
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पेड़ों की कटाई भी कारण
भूस्खलन के मामले देश में आए दिन देखे जा रहे हैं। बारिश के मौसम में भूस्खलन होना स्वाभाविक है विशेष तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में। बारिश के बाद भी भूस्खलन होता है तो यह अच्छी बात नहीं। अंधाधुंध पेड़ों भी कटाई से भी भूस्खलन हो रहा है।
सरिता प्रसाद, पटना
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प्रकृति से खिलवाड़
भूस्खलन के मामले इसलिए बढ़ते जा रहे हैं क्योंकि मानव प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है। पहाड़ खोदे जा रहे हैं, अवैध खनन हो रहा है, पहाड़ों के नीचे से खुदाई की जा रही है और पहाड़ खोखले होते जा रहे हैं। अगर मनुष्य प्रकृति से इसी प्रकार छेड़छाड़ करता रहा तो बहुत जल्दी प्रकृति अपना विकराल रूप धारण कर लेगी।
लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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दरक रहे हैं पहाड़
पर्यावरण से खिलवाड़ के कारण प्रकृति की संरचना बिगड़ रही है। जंगलों को आग लगाकर भूमि पर कब्जा करने और अवैध खनन के चलते पहाड़ दरक रहे हैं। पर्यावरण बचाओ अभियान दिखावा बन चुका है और रक्षक ही भक्षक बनकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जब तक सरकारें आंख—कान बंद रखेंगी, पर्यावरण को नहीं बचा सकते।
—हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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बिगड़ रहा है संतुलन
देश में भूस्खलन के मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई। इससे मिट्टी का कटाव होता है और भूमि का संतुलन बिगड़ता है। इसलिए देश में भूस्खलन के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
—कपिल धाभाई, चिड़ावा जिला झुंझुनू
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विकास की गलत दिशा
विकास यदि सही तरह से हो तो इस तरह की विनाशकारी घटनाएं न हों। आज पेड़ कम लगाए जा रहे हैं, इसके विपरीत इनकी कटाई अधिक हो रही है। कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं। मानव धरती का दोहन कर रहा है।
—संजय खरे, भोपाल, मप्र
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इंसानी दखल बड़ा कारण
हर वर्ष बरसात के दिनों में भूस्खलन के कारण पहाड़ी इलाकों में कई हादसे होते हैं जिनके कारण जान—माल का नुकसान होता है। लगातार कट रहे वन और जंगल में इंसानी दखल के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। विकास के नाम पर पेड़ों को काटकर लोगों को बसाया जा रहा है। सड़कें और होटलें बना कर पानी का रास्ता अवरूद्ध कर रहे हैं।
—शक्ति सिंह चव्हाण, जोधपुर
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प्रकृति से खिलवाड़ ही भूस्खलन का कारण
आज का खुदगर्ज इंसान अपने निजी फायदे के लिए प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है। नदियों का अवैध खनन, पहाड़ों और जंगलों की अवैध कटाई के कारण पर्यावरण संकट बढ़ता जा रहा है। इसलिए भूस्खलन के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
—ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा, मध्यप्रदेश
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अतिक्रमण ने भी बढ़ाई समस्या
भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण पहाड़ी व पर्वतीय इलाकों में बढ़ती जनसंख्या, वनों की अंधाधुंध कटाई, अनियंत्रित उत्खनन, अतिक्रमण तथा भारी वर्षा है। अधिकांशतः इसके लिए मानव ही जिम्मेदार हैं।
—हनी हितीक्षा, सीकर
Published on:
18 Jul 2024 04:16 pm
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