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आपकी बात, भारत के शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

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Patrika Desk

Mar 17, 2023

आपकी बात, भारत के शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?

आपकी बात, भारत के शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?

वृक्षारोपण अभियान चलाएं
सबसे पहले पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाया जाना चाहिए। कचरे की रीसाइक्लिंग होनी चाहिए। डीजल और पेट्रोल के वाहन का उपयोग कम करना चाहिए। वर्तमान समय में बैटरी चालित वाहनों का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। प्रदूषण रोकने के लिए हर व्यक्ति का अपना एक व्यक्तिगत प्रयास होना चाहिए।
— गिरीश ठक्कर, राजनांदगांव
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प्रदूषण पर न करें राजनीति
हाल ही में स्विट्जरलैंड की एक फर्म ने वर्ल्ड एयर क्वालिटी नामक एक रिपोर्ट में है कि हमारा देश प्रदूषण के मामले में आठवें स्थान पर है। विदेशी संस्थाएं हमारे देश के प्रदूषण को लेकर जो आंकड़े प्रस्तुत करती हैं, उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। राजनेताओं को इस मुद्दे पर राजनीति करना बंद कर देनी चाहिए और एकजुट होकर प्रदूषण नियंत्रण पर काम करना चाहिए।
—राजेश कुमार चौहान, जालंधर, पंजाब

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हरित ऊर्जा अपनाएं
शहरों में प्रदूषण से निजात पाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए और हरित ऊर्जा को अपनाना चाहिए। आस—पास की स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। कचरे का उचित निपटान भी आवश्यक है।
– विद्याधर जांगिड़ , सीकर
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जरूरी है नई व्यवस्था
जब ध्वनि प्रदूषण कानून प्रभावी नहीं हुआ था, तब आवासीय कॉलोनियों में विवाह स्थल का प्रचलन नहीं था। आज आवासीय कॉलोनियों में विवाह—स्थलों की बढ़ती संख्या एवं डीजे से बढ़ता कर्कश ध्वनि प्रदूषण नई व्यवस्थाओं की मांग करता है।
—बाल कृष्ण जाजू "बालक" जयपुर
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पेड़ जरूर लगाए
एक जागरूक नागरिक होने के नाते-हर व्यक्ति को प्रति वर्ष एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। घर की छत पर भी पौधे लगाए जा सकते हैं। टू व्हीलर और फोर व्हीलर का अनावश्यक इस्तेमाल न करें।
—श्वेता झंवर, भीलवाड़ा
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सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाए
नदियों के तट पर अंतिम संस्कार की प्रथा को समाप्त करना चाहिए। लोगों को सार्वजनिक परिवहन जैसे कि बस, रेल, मेट्रो आदि का इस्तेमाल करना चाहिए। प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े अथवा जूट के थैले का इस्तेमाल करना चाहिए। जन्म दिन अथवा विवाह की वर्षगांठ पर कम से कम एक पौधा लगाकर नियत समय तक उसका ध्यान रखना चाहिए। गाड़ी में सफर तथा सार्वजनिक स्थानों पर भ्रमण के दौरान पानी की खाली बोतल अथवा चिप्स के खाली पैकेट इत्यादि निर्धारित कूड़ेदान में ही डालने चाहिए। हफ्ते में 1-2 घंटे अपनी गली मोहल्ले अथवा अन्य सार्वजनिक स्थल पर सफाई कर अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करना चाहिए।
—डॉ. धीरज कुमार मिश्र, बेंगलूरु
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सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें
बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी को सिंगल यूज प्लास्टिक को रोजमर्रा के इस्तेमाल से बचना होगा। साथ ही यह संकल्प लेना होगा कि हमारे घर पर कोई भी शुभ कार्य (जैसे शादी समारोह, जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ आदि) के आयोजन पर कम से कम एक छायादार पौधे ऐसे स्थान पर लगाएंगे जहां पर उनकी सुरक्षा हो सके ताकि आने वाले दिनों में पर्यावरण प्रदूषण संबंधित समस्या से बचा जा सके।
—बजरंग सिंह कुड़ी, खंडेला,सीकर
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जरूरी है वृक्षारोपण
शहरों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इसे एक अभियान की तरह चलाना होगा। और प्रदूषण फैलाने वाली वस्तुओं का बहिष्कार करना होगा, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो और वे प्राकृतिक चीजों का ही उपयोग करें।
—तरुणा साहू, राजनांदगांव छत्तीसगढ़
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अतिक्रमण न करें
भारत के शहरों में प्रदूषण बढ़ाने में स्थानीय स्तर पर भवन निर्माण और सड़क निर्माण के दौरान बरती जाने वाली लापरवाही भी जिम्मेदार है। भूस्वामियों का भी दोष है जो पेड़—पौधे लगाने के लिए खाली जगह ही नहीं रखते। सड़क पर भी अतिक्रमण कर लेते हैं। इस प्रवृत्ति पर लगाम लगानी होगी।
— हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश