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शर्मसार: अभ्यास के लिए नहीं मिली छुट्टी तो इस अंतरराष्ट्रिय शूटर ने छोड़ दी सरकारी नौकरी

इंटरनेशनल शूटर अनीशा ने खेल के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी, प्रैक्टिस के लिए छुट्टियां नहीं दे रहा था विभाग

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Kuldeep Panwar

Nov 22, 2017

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नई दिल्ली। एक खिलाड़ी के खेल की औसत उम्र काफी कम होती है। आमतौर पर 10 से 12 साल के बाद खिलाड़ी वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाता, जिसकी उससे उम्मीद की जाती है। इसी कारण से कई बार खेल में नाम कमाने के बाद खिलाड़ी सरकारी नौकरी में आ जाते है। यह नौकरी उन्हें आगे के जीवन के काफी सहायक साबित होती है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी खिलाड़ी ने खेल के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी हो। मामला खेलों में बेहतर प्रदर्शन देने वाले राज्य हरियाणा का है। जहां की बेटी अनीशा सैयद ने सरकारी नौकरी छोड़ दी है। जहां खेलों को ले कर मोदी सरकार काफी सजग है वहीं दूसरी तरफ भाजपा शासक राज्य हरियाणा की एक शूटर को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

क्या है पूरा माजरा
राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार देश को सोना दिलाने वाली शूटर अनीशा सैयद ने खेल विभाग की लापरवाहियों से तंग आकर अपनी नौकरी को तिलाजंलि दे दी। अनीशा ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि मैं पिछले काफी दिनों से मानसिक और शारिरीक रूप से काफी परेशान थी। मुझे खेलने के लिए समय नहीं दिया जा रहा है। मैं खेल से दूर रहूं इस कारण मेरा तबादला फरीदाबाद से सोनीपत कर दिया गया था। मुझे इस बात का मलाल है कि मैं बिना नोटिस दिए नौकरी छोड़ रही हूं। लेकिन अब मेरे लिए नौकरी और खेल दोनों कर पाना संभव नहीं था।


लंबे समय से चल रहा था विवाद
इंटरनेशनल शूटर अनीशा सैयद और हरियाणा स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के साथ काफी दिनों से विवाद चल रहा था। अनीशा को सबसे ज्यादा शिकायत विभाग के डायरेक्टर से है। अनीशा कहती है कि कईयों बार मेल करने के बाद भी मुझे छुट्टियां नहीं दी गई। बता दें कि राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली अनीशा को हरियाणा खेल विभाग में असिस्टेंट स्पोर्ट्स डायरेक्टर की नौकरी दी गई थी।

किस बात का था विवाद
खेल की तैयारी के लिए अनीशा विभाग से छूट्टियों की मांग कर रही थी। लेकिन उन्हें अवकाश नहीं दिया जा रहा था। अनीशा कहती है कि अवकाश की मांग की जाने पर तरह-तरह के कागजों की मांग की जाती थी। कागज और कारण पेश करने के बावजूद भी उन्हें अवकाश नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में वह खेल की तैयारी नहीं कर पाती थी। साथ ही उन्हें किसी भी शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लेने का भी मौका नहीं दिया जा रहा था।

क्या लिखा है अनिशा ने त्यागपत्र में
अनिशा ने अपने त्याग पत्र में साफ लिखा कि मैं अब यहाँ और काम नहीं करना चाहती। कृपया मुझे मेरी जिम्मेदारियों से मुक्त करें। मेरे द्वारा छुट्टियों के लिए दिए गए सारे आवेदन पत्र अभी भी लंबित है और मुझे पिछले दो माह का वेतन भी नहीं दिया गया है। हरियाणा की खेल व्यवस्था के लिए यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे जैसी खिलाड़ी गंदी राजनीति का शिकार हो कर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रही है। अनीशा ने आगे लिखा पिछले दो वर्षों के दौरान आपके द्वारा दिए गए समर्थन और अवसरों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। छुट्टी मंजूर न करने के कारण मैं एक भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाई। मेरे खिलाफ आप ने चार्ज शीट भी बनवाई है। जिसमें यह कहा गया है कि मैंने आपकी अनुमति के बिना अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए देश से बाहर की यात्रा की।

खेल से वंचित रखने के लिए किया गया था तबादला
अनीशा ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि मुझे शूटिंग से वंचित रखने के लिए अपने मेरा फरीदाबाद से सोनीपत तबादला कर दिया। लेकिन शूटिंग के प्रति मेरे जूनून का आपको अंदाजा नहीं था। भविष्य में आप को कोई दिक्कत न जाए इसको ध्यान में रखते हुए मुझे हरियाणा असिस्टेंट स्पोर्ट्स डायरेक्टर की सारी जिम्मेदारियों से मुक्त करे। मुझे उम्मीद है कि मेरा यह कदम आपके मन की शांति देगा और आप मेरे इस निर्णय से बहुत खुश होंगे। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया मुझे रिलीविंग पत्र और अनुभव प्रमाण पत्र प्रदान करें। मैं आपके और खेल विभाग के सफल भविष्य की कामना करता हूं।

कौन है अनिशा सैयद
अनिशा अब तक भारत के लिए 2 रजत पदक जीत चुकी है। उन्होंने 2010 में दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय मंडल खेलों में साथी निशानेबाज राही सरनोबत के साथ भारत के लिए 25 मीटर पिस्टल पेयर्स में स्वर्ण पदक जीता था। अनिशा ने व्यक्ति 25 मीटर पिस्टल में भी स्वर्ण पदक हासिल किया। इतना ही नहीं 2014 ग्लासगो में खेले गए राष्ट्रीय मंडल खेलों में भी अनिशा ने भारत के लिए 25 मीटर पिस्टल में रजत पदक जीता। और 2014 में इंचिओन में खेले गए एशियाई खेलों में 25 मीटर पिस्टल टीम में देश के लिए कांस्य पदक पदक जीता है।