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विनेश फोगाट ने पहले ही जता दिए थे इरादे- ‘एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल ही जीतूंगी’

18वें एशियाई खेलों में 50 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल रेसलिंग के फाइनल में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली विनेश फोगाट ने अपने इरादों के बारे में पहले ही खुलासा कर दिया था।

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Chandra Prakash Chourasia

Aug 20, 2018

Vinesh Phogat

विनेश फोगाट ने पहले ही जता दिए थे इरादे- 'एशियन गेम्स में गोल्ड ही जीतूंगी'

नई दिल्ली। महिला पहलवान विनेश फोगाट ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 18वें एशियाई खेलों में स्वर्णिम सफलता दर्ज की है। पैर में चोट के बाद भी हिम्मत न हारने वाली विनेश ने 50 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल रेसलिंग के फाइनल में जापान की युकी इरी को 6-2 से मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। यह मौजूदा टूर्नामेंट में भारत का दूसरा गोल्ड मेडल है। उल्लेखनीय है कि इसकी तैयारियों के लिए वे लंबे समय तक घर से दूर रहीं।

'पत्रिका' संवाददाता चंद्र प्रकाश चौरसिया से हाल ही में विनेश ने खास बातचीत की थी। इस दौरान विनेश ने अपने मजबूत इरादों की झलक दिखाते हुए कहा था कि वे एशियाई खेलों में भारत के लिए सोना लेकर ही आएंगी। विनेश ने कहा था, '2014 एशियन गेम्स (इंचियोन) में मिला ब्रॉन्ज मेडल बहुत जल्दी रंग बदलकर गोल्ड बनने वाला है। इंचियोन में शायद मेरी तैयारी में कोई कमी रह गई थी इसलिए ब्रॉन्ज मिला लेकिन इस बार पूरी जान लगा दूंगी और गोल्ड ही लाऊंगी।'

यह भी पढ़ें: Asian Games : विनेश फोगाट ने भारत के लिए जीता दूसरा गोल्ड, रचा इतिहास

पेश है बातचीत के खास अंश...

सवाल: लगातार घर से दूर रहना, दिन-रात कड़ी मेहनत कैसे मिलती है इतनी प्रेरणा?
जवाब: (जोर से हंसते हुए) अब तो सपने में भी गोल्ड मेडल ही दिखता है। कभी मेडल लेते खुद को देखती हूं तो कभी तिरंगा लहराते हुए सपने देखती हूं। जब सपनों में भी लहराता तिरंगा दिखता है तो प्रेरणा अपने आप मिल जाती है।

सवाल: दंगल देखने के बाद मेरे दिमाग में ये सवाल कई बार आया कि क्या बड़ी बहनों की ही तरह बचपन में आपकी भी पिटाई हुई है?
जवाब: हां, बहुत पिटाई हुई है। मैं जिद्दी बहुत हूं, जिस चीज के लिए मैं जिद करती हूं उसे पाकर ही सांस लेती हूं। इसी आदत के लिए कई बार पिटाई हो चुकी है। लेकिन मुझे इस जिद का फायदा भी मिलता है।

सवाल: बचपन की कोई प्यारी याद, जिसमें आप एक बार फिर खो जाना चाहती हैं?
जवाब: मेरे स्कूल का टाइम। मेरी लाइफ की सभी बेस्ट मेमोरी मेरे स्कूल और दोस्तों से जुड़ी हैं। उस टाइम को याद करके ही मैं खुश हो जाती हूं। अगर टाइम मशीन मिलेगा तो फिर से वहां जाना चाहूंगी।

सवाल: 25 साल बाद खुद को कहां देखती हैं?
जवाब: इतनी दूर का तो कभी नहीं सोचा मैंने, क्या पता कल जिंदगी हो या न हो... लेकिन हर दिन को पूरी तरह जीना जानती हूं। खुश रहती हूं।

सवाल: आपकी बड़ी बहनों पर बनी फिल्म 'दंगल' का सबसे अच्छा डायलॉग क्या लगा आपको?
जवाब: वैसे तो पूरी फिल्म का कोई जवाब नहीं लेकिन अमिर खान सर का वो डायलॉग....'बेटा- गोल्ड जीतोगी तो पूरी दुनिया याद रखेगी' ये मेरा फेवरेट है।

सवाल: आप यंग जनरेशन को क्या मैसेज देना चाहती हैं, जिससे उन्हें सफलता हासिल करने की प्रेरणा मिले?
जवाबः अपने एक्सपीरियंस से कहूं तो जिद जरूर करनी चाहिए। अच्छे लक्ष्यों के लिए जिद करने के नतीजे काफी बेहतर मिलते हैं। जिद जरूर करनी चाहिए इससे आपके अंदर लक्ष्य हासिल करने की इच्छाशक्ति बढ़ती है।