Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नियमों में बदलाव, महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रांसजेंडर एथलीटों को पास करना होगा अब ये टेस्ट

ट्रांसजेंडर एथलीटों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के दौरान महिला वर्ग में भाग लेने पर विवाद उठता रहा है। इसके समाधान के लिए अब विश्व एथलेटिक्स ने स्वाब टेस्ट शुरू करने की योजना बनाई है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

lokesh verma

Feb 12, 2025

IOC set to ban all transgender in 2028 Olympics

बॉक्‍सर इमान खलीफ। (फोटो सोर्स: एक्‍स@/IOC)

पिछले काफी समय से ट्रांसजेंडर एथलीटों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के दौरान महिला वर्ग में भाग लेने पर विवाद उठता रहा है। इसके समाधान के लिए अब विश्व एथलेटिक्स ने स्वाब टेस्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत जो ट्रांसजेंडर औऱ इस प्रक्रिया से गुजर रहे एथलीट महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करना चाहेंगे, उन्हें इस टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। मार्च 2023 में विश्व एथलेटिक्स ने उन ट्रांसजेंडर एथलीटों पर महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने पर प्रतिबंध लगा दिया, जिनके अंदर पहले पुरुषों के लक्षण थे।

अगले महीने बैठक में होगा फैसला

हालांकि, विश्व एथलेटिक्स परिषद की सिफारिशों के बाद, शासी निकाय अब ताजा सबूतों के आधार पर पुरुष से महिला ट्रांस एथलीटों के लिए अपने पात्रता नियमों की समीक्षा करने के लिए तैयार है। इससे ट्रांसजेंडर एथलीटों को राहत मिलने की संभावना है। विश्व एथलेटिक्स परिषद की अगले महीने बैठक होगी। रिपोर्ट के तहत, इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि नए नियम कब से लागू किए जाएं।

अभी ये हैं मौजूदा नियम

ट्रांसजेंडर एथलीटों के लिए मौजूदा नियमों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी महिला वर्ग की प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा करने के लिए उन्हें कम से कम छह महीने के लिए अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को 2.5 एनएमओएल/एल से कम करना होगा।

निष्पक्षता हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य

विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन कोए ने कहा, हम चाहते हैं कि महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा निष्पक्ष और भेदभाव रहित हो। हम नई जानकारियों को एकत्र करेंगे और उनके अनुसार चीजों को सरल बनाने की कोशिश करेंगे।

क्या है स्वाब टेस्ट

1) विश्व एथलेटिक्स ने कहा कि स्वाब परीक्षण एसआरवाई जीन की तलाश करेगा, जो लगभग हमेशा पुरुष वाई गुणसूत्र पर होता है और जैविक सेक्स के लिए अत्यधिक सटीक प्रॉक्सी के रूप में उपयोग किया जाता है।

2) एसआरवाई जीन की उपस्थिति के अलावा, किसी एथलीट के टेस्टोस्टेरोन के स्तर को निर्धारित करने के लिए ड्राई स्पॉट रक्त परीक्षण का भी उपयोग किया जा सकता है।

3) विश्व एथलेटिक्स 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेलों में लिंग परीक्षण के लिए स्वाब टेस्ट को अनिवार्य करने की भी योजना बना रहा है।

चर्चा में छाए रहे ये ट्रांस एथलीट

1) इमाने खलीफ

अल्जीरिया की इमाने खलीफ ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 66 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इस दौरान इटली की मुक्केबाज एंजेला ने यह कहकर बाउट बीच में छोड़ दी कि इमाने खलीफ महिला नहीं बल्कि पुरुष हैं।

2) कास्टर सेमेन्या

दक्षिण अफ्रीकी धाविका ने 2012 और 2016 ओलंपिक खेलों में 800 मीटर महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। एक मेडिकल जांच में ये सामने आया कि सेमेन्या का टेस्टोस्टेरोन स्तर सामान्य से ज्यादा था। इस कारण उनके महिला होने पर सवाल उठे।

3) दुती चंद

भारतीय धाविका दुती चंद भी काफी विवादों में रहीं। 2018 एशियन गेम्स में 100 व 200 मीटर में रजत पदक जीतने वाली दुती का टेस्टोस्टेरोन स्तर भी ज्यादा पाया गया था। इस कारण उनके ऊपर प्रतिबंध भी लगा।