
american coach fired after demand unpaid salary
नई दिल्ली : कुछ ही दिन पहले खेल मंत्री किरण रिजीजू (Kiran Rijiju) ने दावा किया कि वह देश में खेल संस्कृति पैदा करेंगे और 2028 ओलंपिक (Olympic Games 2028) तक देश को मेडल टैली में टॉप-10 में ले आएंगे। इसके कुछ ही दिन बाद की रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wrestling federation of india) ने ऐसा कदम उठाया है, जिसे एक खेल संस्कृति वाले देश में तो हरगिज नहीं उठाया जा सकता था। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने अपनी महिला टीम के विदेशी कोच एंड्रयू कुक (Andrew Cook) को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इतना ही नहीं, कोच को बाहर करने का जो कारण फेडरेशन के वरिष्ठ अधिकारी ने जो तर्क दिए हैं, वह सुनकर आपको यकीन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कुक वेतन मांग रहे थे, इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
कुश्ती महासंघ ने कहा, वेबिनार में भाग लेने से किया इनकार
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कोच पर आरोप किया कि कुक को भारतीय कुश्ती से कोई लगाव नहीं है। अमरीका के रहने वाले कुक ने वेतन न मिलने पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के एक वेबिनार में भाग लेने से इनकार कर दिया था। वहीं कुक ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि उन्होंने साई से सिर्फ सेशन का विषय बदलने की मांग की थी। लेकिन पहले साई ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और अब महासंघ ने उन्हें निकाल दिया।
कुक लौट गए थे अपने घर
मार्च में कोरोना वायरस (Coronavirus) का मामला बढ़ने के बाद नेशनल कैंप टल गया था और देश में लॉकडाउन लग गया। कैम्प टलने के बाद वह अपने घर सिएटल लौट गए थे। कुक ने बताया कि फेडरेशन को कई बार याद दिलाने के बावजूद उन्हें मार्च, अप्रैल और मई का वेतन नहीं मिला है।
सहायक सचिव विनोद तोमर ने लगाया आरोप
महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। साई ऑफिशल्स ने हमें उनके इनकार करने वाले संदेशों के स्क्रीनशॉट दिखाए। जिसमें उन्होंने वेबिनार में भाग लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि साई ने उनसे कहा था कि वह सेशंस में भाग लें। उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि कि उनका वेतन क्लियर कर दिया जाएगा। बता दें कि हाल ही में साई ने कुक को अपने एक ऑनलाइन सेशंस में भाग लेने को कहा था। कुश्ती महासंघ के अनुसार, कुक ने कहा कि वह तब तक वेबिनार में भाग नहीं लेंगे, जब तक उन्हें बकाया वेतन नहीं मिल जाता। हालांकि विनोद तोमर ने यह भी कहा कि इसके बाद उन्होंने कुछ सेशंस में भाग लिया था, लेकिन महासंघ को उनका व्यवहार पसंद नहीं आया। हमने पहलवानों से पूछा कि क्या वाकई उनकी जरूरत है। पहलवानों ने कहा कि उनके बिना भी काम चल सकता है, इसलिए हमने उनकी सेवा समाप्त करने का फैसला किया।
अगस्त तक था कॉन्ट्रैक्ट
कुक का कॉन्ट्रैक्ट इसी साल अगस्त में खत्म होने वाला था। उन्हें हर महीने 4500 डॉलर का भुगतान किया जाता था। कुक ने बताया कि उन्हें इसलिए निकाला गया, क्योंकि उन्होंने वेतन मांगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक वेबिनार के दौरान उनसे अमरीकी टीम चयन पर बात करने को कहा गया था। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें निकालने का फरमान सुना दिया गया।
Updated on:
27 Jun 2020 10:55 pm
Published on:
27 Jun 2020 07:24 pm
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