24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अपराधियों को नपुंसक बनाने वाला कानून इमरान सरकार ने दो दिन में लिया वापस, कहा- यह इस्लाम विरोधी है, लागू नहीं कर सकते

संसद ने नए कानून को मंजूरी दी थी जिसका मकसद दोषसिद्धि में तेजी लाना और अपराधियों को सख्त सजा देना था। बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2021 विधेयक को 33 अन्य विधेयकों के साथ पारित कर दिया गया था।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Nov 20, 2021

imran.jpg

नई दिल्ली।

पाकिस्तान में इमरान खान सरकार ने पीछे हटते हुए आदतन बलात्कारियों को रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने के विवादास्पद प्रावधान को नए कानून से हटा दिया है। पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) ने ऐसी सजा पर आपत्ति जताते हुए इसे गैर-इस्लामिक करार दिया था।

इसके बाद कट्टरपंथियों के दबाव में इमरान सरकार ने अवाम की कड़े कानून बनाने की मांग को खारिज कर दिया। यह कानून दो दिन पहले ही संसद ने पारित किया गया था। इससे पहले संसद ने नए कानून को मंजूरी दी थी जिसका मकसद दोषसिद्धि में तेजी लाना और अपराधियों को सख्त सजा देना था।

यह भी पढ़ें:-पाकिस्तान में कानून पास: अब सरकार ऐसे लोगों को बनाएगी नपुंसक, पुलिसकर्मियों को भेजा जाएगा जेल

बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2021 विधेयक को 33 अन्य विधेयकों के साथ पारित कर दिया गया था। तब कहा गया था कि पाकिस्तान सरकार बलात्कारियों के खिलाफ कड़े ऐक्शन लेने और कठोर से कठोर सजा दिलवाने के लिए हमेशा तैयार है।

कानून और न्याय संबंधी संसदीय सचिव मलीका बोखारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीआईआई द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद इस खंड को हटा दिया गया। सीआईआई पाकिस्तान का एक संवैधानिक निकाय है जो सरकार तथा संसद को इस्लामी मुद्दों पर कानूनी सलाह देता है।

इस्लामाबाद में कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि सीआईआई ने बलात्कारियों को रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने की सजा को गैर-इस्लामी करार दिया था। आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तान में यौन उत्पीड़न या बलात्कार के चार प्रतिशत से भी कम मामलों में दोषसिद्धि होती है।

यह भी पढ़ें:- उत्तर कोरिया में रेपिस्ट को गोलियों से भून कर टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाते हैं, जानिए अरब अमरीका, चीन समेत तमाम देशों में उन्हें क्या दी जाती है सजा

कानून में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान दवा देकर दोषियों का बधिया किये जाने का था, जिसे अब बदल दिया गया है। अधिसूचित बोर्ड के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कानून में प्रावधान किया गया है कि दुष्कर्म रोधी प्रकोष्ठ घटना की रिपोर्ट होने के छह घंटे के भीतर पीड़िता की जांच कराएगा। अध्यादेश के तहत आरोपियों को दुष्कर्म पीड़िता से जिरह की अनुमति नहीं होगी। केवल न्यायाधीश और आरोपी की ओर से पेश वकील ही पीड़िता से सवाल-जवाब कर पाएंगे।