
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी अस्पताल में भर्ती
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ( Pakistan ) के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ( Asif Ali Zardari ) को रावलपिंडी में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। ज़रदारी के शुगर लेवल और रक्तचाप में गिरावट के बाद गुरुवार को अस्पताल ले जाया गया। ज़रदारी इस समय मनी लॉंड्रिंग ( money laundering ) के मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ( NAB ) की कस्टडी में हैं।
ज़रदारी पर भ्रष्टाचार के आरोप
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ( National Accountability Bureau ) ने बीते सोमवार को 63 वर्षीय पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ( PPP ) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को उनके आवास से मल्टी मिलियन डॉलर मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने ज़रदारी की बेल याचिका को खारिज कर दिया। मंगलवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए उन्हें 11 दिन के लिए NAB की कस्टडी में भेज दिया है। अब 21 जून को अगली सुनवाई के दौरान उन्हें अदालत के सामने पेश किया जाएगा। जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति को गुरुवार शाम रावलपिंडी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (आरआईसी) में स्थानांतरित कर दिया गया। NAB के अधिकारियों के अनुसार, यह पीपीपी नेता की नियमित जांच थी। हालांकि, जरदारी की पार्टी ने कहा कि सह-अध्यक्ष की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट के बारे में औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया गया था।
पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे ज़रदारी
ज़रदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर मनी लॉन्ड्रिंग कांड के दो मुख्य आरोपी हैं, जिन्होंने फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान से अवैध रूप से धन प्राप्त किया। NAB के मुताबिक, एंटी-करप्शन वॉचडॉग जो उन्हें नकली बैंक खातों के मामले में जांच कर रहे हैं, दोनों ने कथित नकली बैंक खातों के माध्यम से 150 मिलियन रुपये का लेनदेन किया। हालांकि ज़रदारी ने किसी भी तरह से फर्जी खातों के साथ किसी भी लिंक से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि यह आरोप सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा था। बता दें कि आसिफ अली ज़रदारी पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर 2008 से 2013 तक पद पर रहे। पिछले साल के आम चुनाव में सिंध प्रांत की NA-213 नवाबशाह सीट से नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में ज़रदारी को चुना गया था। ज़रदारी की गिरफ्तारी के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में पीपीपी कार्यकर्ताओं व विपक्ष के बीच छिटपुट विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं और सबसे ज्यादा पार्टी शासित क्षेत्र सिंध प्रांत में हो रहा है।
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Updated on:
14 Jun 2019 05:45 pm
Published on:
14 Jun 2019 04:27 pm
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