
court Judgement in girl misdeed
लाहौर।अल-अजीजिया स्टील मिल्स ( Al aziziyah ) के मामले में बीते शनिवार को पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ( nawaz sharif ) की बेटी मरियम नवाज ने मीडिया के सामने एक वीडियो जारी कर इस मामले की सुनवाई कर रहे जज के खिलाफ आरोप लगाए थे।
इन सबूतों के जरिए वह साबित करना चाहती हैं कि किस तरह पिता और उन्हें फंसाया जा रहा है। हालांकि मामले को लेकर रविवार को न्यायधीश ने आरोपों को नकार दिया है।
जज की सफाई
जवाबदेही अदालत के माध्यम से जारी एक बयान में, जज अरशद मलिक ने कहा कि वीडियो में उनकी टिप्पणियों को एक साथ पेश किया गया था और संदर्भ से बाहर रखा गया था। उन्होंने कभी भी शरीफ के खिलाफ शासन करने के लिए धमकी का सामना नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह न तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भयभीत था, न ही वह लालच से प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम के सहयोगियों के दबाव में आकर विश्वास नहीं करने का दबाव बनाया गया था।
गौरतलब है कि पीएमएल-एन के उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कथित वीडियो को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मरियम नवाज के साथ थे। उनका कहना था कि इस वीडियो को देखकर लगता है कि नवाजा को जानभूझकर फंसाया गया है।
क्या था वीडियो में
वीडियो में कथित तौर पर जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश को एक पीएमएल-एन कार्यकर्ता के नाम से बात करते हुए दिखाया गया है जिसका नाम नासिर बट्ट है। इसमें दावा किया गया है कि उसे वंचितों के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं होने के बावजूद नवाज शरीफ के खिलाफ जेल की सजा का प्रावधान किया था। मरियम ने आरोप लगाया कि वीडियो न्यायाधीश को यह दर्शाता है कि पाकिस्तान या सऊदी अरब में धन के गबन का कोई सबूत हुसैन नवाज शरीफ के खिलाफ नहीं पाया गया।
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Updated on:
08 Jul 2019 12:00 pm
Published on:
08 Jul 2019 10:08 am
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