
आतंकी हाफिज सईद पहली बार गद्दाफी स्टेडियम में नहीं पढ़ सका ईद की नमाज, इमरान सरकार ने लगाई रोक
लाहौर। दुनियाभर में बुधवार को हर्ष के साथ ईद-उल-फितर ( ) का त्योहार मनाया गया। वर्षों बाद इस ईद में ऐसा पहली बार हुआ कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठन ( terrorist organisation ) जमात-उद-दावा ( Jammat-ud-Dawa ) के प्रमुख हाफिज सईद ( Hafiz Saeed ) ने कोई तकरीर नहीं की और नहीं किसी प्रार्थना सभा की अगुवानी की। दरअसल, इमरान खान सरकार ने हाफिज सईद को ईद-उल-फितर के मौके पर उनके पसंदीदा जगह गद्दाफी स्टेडियम ( Qaddafi Stadium ) में प्रार्थना करने और फिर तकरीर करने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद हाफिज सईद ने अपने जौहर टाउन निवास से सटे एक स्थानीय मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ी।
हाफिज ने सरकार से मांगी थी अनुमति
जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद ने सरकार से ईद की नमाज का नेतृत्व करने की इजाजत मांगी गई थी। हालांकि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने एक दिन पहले ही (मंगलवार) को इजाजत देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकता है, यदि योजनाबद्ध तरीके से ईद की नमाज का नेतृत्व करता है तो फिर सरकार गिरफ्तार कर सकती है। एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सईद के पास सरकार के आदेश का पालन करने का अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था, इसलिए कद्दाफी स्टेडियम में नमाज की अगुवाई करने का विचार को छोड़ना पड़ा। हाफिज सईद वर्षों से दोनों (ईद-उल-फितर और ईद-उल-अज्हा) के मौके पर कद्दाफी स्टेडियम में नमाज की अगुवाई करता आया है। इसके लिए सरकार की ओर से तमाम तरह की सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराई जाती थी।
यह भी पढ़ें :
पाक पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई
बता दें कि आतंकियों और आतंकी संगठनों की मदद करने को लेकर पाकिस्तान पर शिकंजा कसता जा रहा है इसलिए अब इमरान खान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर हुए हैं। हाफिज सईद इन विशेष मौकों पर तकरीर करते हुए लोगों को भारत के खिलाफ उकसाता था और कश्मीर को लेकर लोगों में जहर भरने का काम करता था। इसके बावजूद पाक सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती थी। सईद को संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 2008 को मुंबई बम धमाके के बाद प्रतिबंध लगाया था। इस धमाके में 166 लोगों की जान चल गई थी। हालांकि अब इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण बीते तीन महीने से सईद व अन्य आतंक के आकाओं के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की है। पेरिस स्थित FATF ( financial action task force ) ने पाकिस्तान पर सख्ती बरतनी शुरू की। पाकिस्तान को 'ग्रे' सूची में ही बरकरार रखा, क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ( Jaish-e-Mohammed ) , लश्कर-ए-तौएबा ( Lashkar-e-Taiba ) के फंडिंग पर रोक लगाने में नाकाम रहा। जिसके बाद से इमरान खान आतंकियों पर कार्रवाई को विवश हुए। अमरीका ने 2014 में लश्कर-ए-तौएबा का आतंकी संगठन घोषित किया था। 2012 में अमरीका ने हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकी घोषित करते हुए इसकी सूचना देने वाले को 10 मिलियन डॉलर का ईनाम भी रखा था।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.
Updated on:
06 Jun 2019 05:33 pm
Published on:
06 Jun 2019 06:50 am
बड़ी खबरें
View Allपाकिस्तान
विदेश
ट्रेंडिंग
