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इस तरह से दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी बना मसूद अजहर

भारत ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में आतंकी घटनाओं को दिया अंजाम पिता एक स्कूल में अध्यापक थे, घर में पोल्टरी का था व्यापार युवाओं को गुमराह कर जेहादी बनाने में है माहिर

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Mohit Saxena

May 02, 2019

masood

इस तरह से दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी बना मसूद अजहर

नई दिल्ली। मौलाना मसूद अजहर के नाम के आगे जुड़ा मौलाना किसी विद्वान को संबोधित करता है। मगर अजहर के आगे जुड़ा यह शब्द पूरी तरह से उल्ट है। इस खूंखार आतंकी न जाने कितने बेगुनाहों की जान ले लीं। कितने नौजवानों को उसने गुमराह कर आतंक की आग में धकेल दिया। पढ़े-लिखे युवाओं को गुमराह कर उसने उन्हें हथियार की तरह इस्तेमाल किया। पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाला कश्मीरी युवक आदिल अहमद डार भी गुमराह युवक था। उसकी हरकत से करीब 40 जवान को आईडी ब्लास्ट में उड़ा दिया गया था। इस हमले के बाद आतंकी मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का दबाव बढ़ने लगा। इसके बाद कई देशों ने मिलकर चीन पर दबाव डाला और बुधवार को उसे ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया गया।

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कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका

अतंरराष्ट्रीय आतंकी बन चुका मौलाना मसूद अजहर भारत में पुलवामा समेत कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है। यह आतंकी भारत ही नहीं बल्कि अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों में भी आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है। अब ये आतंकी पाकिस्तान में भी खुलेआम नहीं घूम पाएगा। उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। उसके बैंक खातों को सील कर दिया जाएगा। क्योंकि अब वो बन चुका है ग्लोबल आतंकी। उसके संगठन पर पहले ही बैन लगाया जा चुका है।

आतंकी हमलों में इसी का हाथ माना

अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मकसद केवल कश्मीर को भारत से अलग करना है। इसकी स्थापना मसूद अज़हर ने मार्च 2000 में की थी। भारत में हुए कई आतंकी हमलों में इसी का हाथ माना जाता है। पाकिस्तानी सरकार ने दिखावे के लिए जनवरी 2002 में बैन कर दिया था, मगर बाद में जैश-ए-मुहम्मद का नाम बदलकर 'ख़ुद्दाम-उल-इस्लाम' कर बैन को हटा लिया गया। इस आतंकवादी संगठन को भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन ने भी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल कर रखा था।

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कौन है मसूद अजहर

मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अज़हर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में 10 जुलाई 1968 को हुआ था। उसके नौ भाई-बहन थे। अजहर का पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल का अध्यापक था। उसका परिवार डेयरी और पॉल्ट्री का कारोबार करता था। इसने अपनी पढ़ाई की शुरूआत मदरसे से की। वहीं उसका संपर्क हरकत-उल-अंसार नामक संगठन से हुआ। यह उस वक्त अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन था। इस दौरान वह उर्दू पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी पत्रिका सावत-ए-कश्मीर का संपादक बन गया। वह लोगों को गुमराह करने वाले लेख लिखने लगा और जेहादी बनने के लिए प्रेरित करने लगा।

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संगठन का ऐलान किया

31 दिसंबर 1999 को वह कंधार पहुंचा। उसने अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की। एक माह बाद वहां से पाकिस्तान पहुंचा। 31 जनवरी 2000 को कराची की एक मस्जिद में एक हजार हथियारबंद आतंकियों के बीच मसूद अजहर ने अपने संगठन का ऐलान किया। जैश-ए-मौहम्मद नामक आतंकी संगठन स्थापित होने के बाद हरकत-उल-मुजाहिदीन के ज्यादातर सदस्य मसूद अजहर के साथ शामिल हो गए।

कंधार प्लेन हाईजेक की वजह था अजहर

24 दिसंबर 1999, में नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस का विमान हाईजैक कर दिया गया था। विमान में कुल 178 मुसाफिर सवार थे। विमान के टेकऑफ होते ही आतंकियों ने इसे हाईजैक कर लिया था। बाद में आतंकी विमान को लेकर अफगानिस्तान के शहर कांधार पहुंच गए थे। छह दिनों तक भारत सरकार और आतंकियों की सौदेबाजी होती रही। सातवें दिन भारत की जेलों में बंद तीन आतंकवादियों की रिहाई पर सौदा तय हुआ। इन आतंकवादियों में मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर शामिल थे। उस वक्त इन तीनों आतंकवादियों को छोड़कर 148 बेगुनाह लोगों की जान बचाई गई थी।

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जैश-ए-मोहम्मद की काली करतूतें

दिसंबर 2001 में जैश ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर भारतीय संसद पर आत्मघाती हमला किया था। फ़रवरी 2002 में जैश ने अमरीकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या कर दी थी। मई 2009 में जैश के चार सदस्यों को न्यूयॉर्क में एक यहूदी मंदिर उड़ाने और अमरीकी सैनिक विमानों पर मिसाइल चलाने का षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। 2016 में पठानकोट हमले में भी आतंकी संगठन का नाम आया था।