
पाली. हर साल जनवरी में मकर संक्रान्ति की खुशियों को दोगुना करती हवा के साथ बलखाती-इठलाती पतंगें इस साल आसमान में कम दिखाई देंगी। राज्य के स्वायत शासन विभाग ने प्रदेश के शहरों-गांवों में रोजाना चार घंटे पतंग उड़ाना प्रतिबंधित कर दिया है। स्थानीय निकायों को मॉनिटरिंग करने की हिदायत दी गई है। चाइनीज मांझे और पक्के धागों की सहायता से उड़ाई जाने वाली पतंगों के कारण कट रही इंसानी व मूक प्राणियों के जीवन की डोर बचाने के लिए प्रतिबंध का यह आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार पूरे प्रदेश में रोजाना सवेरे 6 से 8 तथा शाम 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाना प्रतिबंधित किया गया हैं। इसके साथ ही प्लास्टिक व सिंथेटिक धागे से बने मांझे, जहरीले पदार्थों यथा लोहा-ग्लास की सहायता से बने मांझे के निर्माण और बिक्री के साथ उसके उपयोग पर रोक लगा दी गई हैं।
अदालत ने दे रखा है आदेश
उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ ने एक दीवानी याचिका महेश अग्रवाल बनाम राज्य सरकार में पारित निर्णयों की पालना में राज्य सरकार ने प्रदेश में सवेरे 6 से 8 तथा शाम 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाना प्रतिबंधित कर रखा है। समय-समय पर स्वायत शासन विभाग ने इस संबंध में निकायों को परिपत्र भी जारी कर रखे हैं। इसके बावजूद प्रदेश के कई शहरों में यदा-कदा पतंगबाजी के दौरान राहगीरों व वाहनचालकों के गले कटने की सूचनाएं आती रही है। अब मकर संक्रांति पर प्रदेश के लगभग सभी शहरों में पतंगबाजी होती है। युवा व बच्चों की टोलियां घरों की छत्तों पर चढ़कर पतंगों के पेंच लड़ाते हैं। इस दौरान होने वाले हादसों की रोकथाम के मद्देनजर स्वायत शासन विभाग ने सभी निकायों को ताकीद की है।
पतंग काटने के फेर में जा रही जानें
पतंग उड़ाने के दौरान आसमान में उड़ रही दूसरी पतंगें काटने के फेर में युवा पक्के धागे से निर्मित मांझे का प्रयोग करते हैं। सिन्थेटिक व चाइनीज मांझे के उपयोग से न सिर्फ पतंगे कट रही हैं, बल्कि यह मांझा राहगीरों व वाहनचालकों के गले में उलझकर बीते सालों में उन्हें अस्पताल भी पहुंचा चुका है। इस कारण अब निकायों से कहा गया है कि वे इसकी पूरी मॉनिटरिंग करें और अगर कहीं ऐसा होता पाया जाएं तो उस पर रोक लगाएं।
Published on:
03 Jan 2018 02:16 pm
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