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शिष्या से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी दाती मदन मामले में हुआ बड़ा खुलासा, अब दाती महाराज की और बढ़ेगी मुश्किलें

शिष्या से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी दाती मदन मामले में हुआ बड़ा खुलासा, अब दाती मदन की और बढ़ेगी मुश्किलें  

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पाली

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rohit sharma

Jun 16, 2018

पाली ।

शिष्या से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी दाती मदन उर्फ मदन राजस्थानी को लेकर अब नया खुलासा सामने आया है। पाली के सोजत रोड के निकट आलावास स्थित ‘आश्वासन बाल ग्राम एवं पब्लिक स्कूल’ यानि दाती का गुरुकुल पिछले तीन साल से बिना विभागीय रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा है। दाती के रुतबे के आगे विभाग व बाल कल्याण समिति मौन हैं। पिछले तीन साल से बिना रजिस्टे्रशन के यह गुरुकुल चलने के बावजूद विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। मामला जब उजागर होने लगा तो समिति का कहना है यह प्रकरण प्रक्रिया में हैं। यह वही गुरुकुल है जिसमें दाती पर आरोप लगाने वाली शिष्या कई सालों तक रही हैं।


रुतबा एेसा कि एक साल तक तो विभाग भी नहीं बोला

पाली जिले के सोजत रोड के निकट आलावास में दाती का स्कूल है, यहां अनाथ बच्चों को पढ़ाया जाता है। वर्तमान में करीब ७०० से अधिक बालिकाएं यहां है। एेसे स्कूल या गुरुकुलों की निगरानी बाल अधिकारिता विभाग करता है। जिसमें संस्था को हर दो साल बाद संस्था का रजिस्टे्रशन का नवीनीकरण करवाना होता है। मार्च 2015 में दाती के इस स्कूल का रजिस्ट्रेशन का समय खत्म हो गया। संस्था की ओर से इसके नवीनीकरण के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। 14 सितम्बर 2016 में विभाग की ओर से संस्था को नोटिस भेजा गया कि इसका अतिशीघ्र नवीनीकरण करवाया जाए, फिर भी संस्था नहीं चेती। विभाग इस लापरवाही के लिए बाल कल्याण समिति से भी जवाब मांगा।

सभी कन्नी काटने में

इस सम्बंध में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक ज्योतिप्रकाश अरोड़ा से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहकर टाल दिया। किशोर गृह अध्यक्ष टीना अरोड़ा से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने मोबाइल ही बंद कर दिया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दुर्गाराम आर्य से बात की तो पहले उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही, बाद में उन्होंने कहा कि गत माह उन्होंने आश्वासन गुरुकुल का मौका देखा था, यह प्रकरण सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पास प्रक्रिया में है। इस संबंध में दाती मदन और गुरुकुल प्रबंधन की मां श्रद्धा का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनके मोबाइल स्वीच ऑफ मिले।

एक साल की सजा का प्रावधान

किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के तहत बाल संरक्षण और देखरेख करने वाला कोई भी आवासीय संस्थान यदि धारा 41 की उपधारा 1 के प्रावधानों की पालना करने में विफल रहता है तो वह अधिकतम एक साल के कारावास अथवा एक लाख रुपए के जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।