
पाली. गर्मी के दिन शुरू होते ही आइसक्रीम, फ्रूट जूस, कोल्ड ड्रिंक जैसे ठंडाई देने वाले उत्पादों की मांग बढ़ जाती है। होटल-रेस्त्रां से लेकर पार्लरों पर जमकर आइसक्रीम खाई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक पाली जिले में सालाना 12 करोड़ रुपए की आइसक्रीम की खपत होती है। यदि पाली शहर व आस-पास के क्षेत्रों की बात करें करीब 6 करोड़ रुपए की सिर्फ आइसक्रीम की खपत होती है।
गर्मी के दिनों में शीतल पेय पदार्थों के साथ ही आइसक्रीम की मांग में करीब 60 फीसदी का इजाफा हो जाता है। मार्च से लेकर जून माह तक इनकी मांग ज्यादा रहती है। शादियों में भी जूस, आइसक्रीम की मांग बढ़ जाती है। कारोबारी बताते है कि ठंडी के दिनों में मांग कम हो जाती है, बाकी के महीनों में लोग स्वाद की दृष्टि से भी आइसक्रीम का स्वाद चखते रहते हैं।
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मारवाड़ी आइसक्रीम की रहती डिमांड
पाली शहर के साथ पूरे जिले में मारवाड़ी स्वाद वाली आइसक्रीम भी लोग अधिक पसंद करते है। दूध से रबड़ी बनाकर तैयार की जाने वाली आइसक्रीम के साथ कई विक्रेता ग्राहकों की पसंद के अनुसार अलग-अलग स्वाद की आइसक्रीम भी तैयार करते हैं।
कोरोना के बाद आया उछाल
आइसक्रीम की मांग वर्ष 2020-21 के समय कोरोना के कारण मांग कम रही थी। इसके बाद वर्ष 2022-23 से अब तक करीब 25 फीसदी से अधिक की तेजी आई है। हालांकि उस हिसाब से आइसक्रीम की दरों में तेजी नहीं आई है।
- ऋषिराज, आइसक्रीम विक्रेता
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पूरे साल खाते है आइसक्रीम
आइसक्रीम अब पूरे साल ही खाई जाने लगी है। कम्पनियों की ओर से अलग-अलग स्वाद की आइसक्रीम तैयार की जाती है। आइसक्रीम की मांग सर्दी की तुलना में अभी करीब 75 प्रतिशत तक बढ़ी है। आइसक्रीम के दामों में अधिक इजाफा नहीं हुआ है।
- गणपतसिंह आउवा, आइसक्रीम विक्रेता
Published on:
17 Mar 2023 01:48 pm
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