
पाली। राजस्थान में इस बार चने की अच्छी पैदावार के बावजूद किसानों को फसल का भाव नहीं मिल रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि राजफैड की ओर से फिलहाल समर्थन मूल्य पर चने की खरीद शुरू नहीं की गई है। इससे किसान अपना माल कम दाम पर मंडियों में दलालों व व्यापारियों के पास बेचने को मजबूर हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
5335 रुपए समर्थन मूल्य घोषित, फिर भी खरीद में देरी
किसानों ने बड़ी उम्मीद से चने की फसल की बुवाई की। कई ऐसे किसान हैं, जो कर्ज तले दबे हुए हैं, उन्होंने इस बार फसल भी ले ली। सरकार ने खरीद के लिए चने का 5335 रुपए समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया, लेकिन खरीद शुरू नहीं की। किसानों का पंजीयन भी नहीं हो रहा है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। वे पांच हजार रुपए से भी कम भाव में अपना माल मंडियों में बेचने को मजबूर है। किसानों की मजबूरी का फायदा व्यापारी व दलाल उठा रहे हैं।
प्रदेश में 23 लाख हैक्टेयर में हुई थी बुवाई
इस बार प्रदेश में 23 लाख हैक्टेयर में चने की बुवाई हुई थी, पैदावार भी अच्छी हुई। मारवाड़-गोडवाड़ में भी किसानों के खेतों में चने की पकी हुई फसल रखी है।
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जल्द शुरू हो खरीद
समर्थन मूल्य चने की खरीद शुरू नहीं होने से किसान अपना माल मंडियों में कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर है। राजफैड जल्द से जल्द चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर किसानों को राहत पहुंचाए।
- तुलछाराम सिंवर, संयोजक, भारतीय किसान संघ
25 मार्च से करेंगे पंजीयन
चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने की तैयारी चल रही है। 25 मार्च से पंजीयन शुरू करेंगे। एक अप्रेल से खरीद शुरू करने का प्लान है। प्रदेश में 635 केन्द्रों पर खरीद शुरू करने की तैयारी है।
- उर्मिला राजोरिया, एमडी, राजफैड, राजस्थान
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Published on:
13 Mar 2023 12:58 pm
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