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हेलीबोर्न सर्वे: जमीन के पांच सौ मीटर नीचे की 3-डी तस्वीर से तलाश रहे पानी

sएक राउंड में 15 किमी का सर्वे कर रहा है हेलीकॉप्टर

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गांधीनगर में होलिस्टिक हेल्थकेयर प्री इवेंट समिट 18 को

गांधीनगर में होलिस्टिक हेल्थकेयर प्री इवेंट समिट 18 को

सुमेरपुर . जालोर जिले समेत पाली जिले की सरहद से जुड़े गांवों व सुमेरपुर शहर पर मंडराता हेलीकॉप्टर दिनभर अधिकारियों व आमजन के लिए जिज्ञासा का विषय बना रहा। हेलीकॉप्टर के नीचे गोल घेरे में लटके खास प्रकार के कैमरे हैं जो भूगर्भ में पानी की गुणवत्ता, उपलब्धता सहित विभिन्न प्रकार की जानकारी जुटा रहे हैं। पाली व जालोर जिले के विभिन्न अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से हेली बोर्न सर्वे शुरू करवाया गया है। इसमें राजस्थान के 8 जिलों में सर्वे किया जा रहा है। इन जिलों में हेलीकॉप्टर से जमीन में 5 सौ मीटर तक की गहराई तक जल का पता लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, जालोर, पाली, जैसलमेर, जोधपुर और सीकर जिले के 65 हजार 5 सौ स्क्वायर किमी क्षेत्र में भू-जल की स्थिति का पता लगाया जाएगा। भू-गर्भ सर्वे में शामिल हेलीकॉप्टर के नीचे कैमरे लगे हुए हैं। यह हेलीकॉप्टर जब एक बार उडान भरेगा तब 10 से 15 किमी तक 5 सौ मीटर नीचे तक भू-गर्भ में क्या स्थिति है उसका सर्वे एक बार में ही कर देगा।
हैदराबाद की कंपनी अत्याधुनिक तकनीक से कर रही है सर्वे
जानकारी के अनुसार भू-जल प्रबंधन के लिए हेली सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी शुरू की गई थी। पहले चरण में राजस्थान, पंजाब, गुजरात व हरियाणा राज्यों में हेली बोर्न सर्वे किया जा रहा है। यह तकनीक सीएसआईआर-एनजीआरआई हैदराबाद द्वारा विकसित की गई है। शुष्क क्षेत्रों में भू-जल स्त्रोतों का मानचित्रण करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक हेली बोर्न प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। सर्वेक्षण से भूजल का पीने के उपयोग करने में मदद मिलेगी।
जिज्ञासा का विषय बना रहा
बुधवार सुबह साढ़े दस बजे जवाईबांध की ओर से तखतगढ़ क्षेत्र की ओर जाता एक हेलीकॉप्टर नजर आया। हेलीकॉप्टर काफी नीचे होने व इसके नीचे कोई चीज लटकी नजर आने से हर कोई एक दूसरे से जानकारी लेने जुट गया। सुमेरपुर के आसमान से होता हुआ हेलीकॉप्टर पावा, गोगरा व हिंगोला की ओर भी नीचे नजर आया। जिससे गांवों में यह हेलीकॉप्टर कौतुहल का विषय बन गया।