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किरोड़ी लाल मीणा को दिए नोटिस पर मंत्री झाबरसिंह खर्रा का बड़ा बयान

यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को दिए नोटिस को लेकर पाली में बयान दिया।

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पाली

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kamlesh sharma

Feb 11, 2025

jhabar singh kharra

पाली। यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को दिए नोटिस को लेकर पाली में बयान दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन तो आवश्यक है, लेकिन किरोड़ी के मन में क्या है उनसे मिलकर बात करेंगे।

मंगलवार को पाली आए खर्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी महसूस करती है कि मीणा ने अनुशासनहीनता की है। इसके लिए उन्हें नोटिस दिया है। जवाब संतोषजनक हुआ तो कार्रवाई टल जाएगी और संतोषप्रद नहीं हुआ तो आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार में मतभेद कहां नहीं होते।

उनके मन में क्या है, जब मिलेंगे तो बात करेंगे। उन्होंने कहा कि सबका समाधान हो सकता है। गौरतलब है कि मंगलवार को पाली आए खर्रा ने सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक ली और बाद में मीडिया से बातचीत की।

‘यह हमारे परिवार का मामला, जल्द सुलझा लेंगे’

वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस देना पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन को जब भी कुछ उचित लगता है, वह निर्णय लेता है। यह कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं बल्कि पार्टी के भीतर की व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका है।

राठौड़ ने मीडिया ट्रायल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भाजपा के परिवार का मामला है और परिवार के सदस्यों को समय-समय पर समझाना पड़ता है। मदन राठौड़ ने कहा कि हम इसे जल्द ही सुलझा लेंगे, उनके समर्थकों को भी उग्र होने की जरूरत नहीं है। हम सब एक हैं, सभी साथ बैठते हैं।

यह भी पढ़ें : फोन टैपिंग विवाद: BJP ने किरोड़ी लाल मीणा को भेजा ‘कारण बताओ नोटिस’; कहा- आपने सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल किया

किरोड़ी से तीन दिन में मांगा जवाब

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को फोन टैपिंग के बयान को लेकर अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है। पार्टी ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा सरकार पर फोन टैपिंग का झूठा आरोप लगाया। इससे सरकार की छवि धूमिल हुई, जो अनुशासनहीनता के अंतर्गत आता है। भाजपा ने उनसे तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।