
नाना (पाली). गर्मी की दस्तक अभी तक पूरी तरह से नहीं हुई है। लेकिन, इसका असर जिले के जंगल में नजर आने लगा है। जंगल में वन्य जीवों के लिए कृत्रिम जल स्त्रोत अब सूखने लगे हैं। इस कारण जंगल के आस-पास आबादी क्षेत्र में जंगल के खुंखार शिकारियों की गतिविधियां बढ़ गई है। ऐसा ही मामला पैंथर कंजर्वेशन क्षेत्र के कोठार गांव में सामने आया है। सोमवार रात पाली व शिकार की तलाश में पैंथर कोठार गांव में घुसा, जहां गजाराम पुत्र नेतीराम देवासी के बाड़े में बंधी 38 बकरियों व भेड़ों को अपना शिकार बना दिया। वहीं 20 भेड़ को घायल कर दिया। मवेशियों की आवाज सुनकर गजाराम व आस-पास के लोग जागे, तो पैंथर वहां से भाग गया। ग्रामीणों ने बताया कि गत सप्ताह भी पैंथर ने गांव में दो बकरियों को मार दिया था। सूचना पर उपखंड अधिकारी गौरव अग्रवाल मौके पर पहुंचे और वन अधिकारियों व पशु चिकत्सकों को मौके पर बुलवाया। उन्होंने रेवेन्यू विभाग को पैंथर से हुए नुकसान का आकलन कर राहत राशि देने के निर्देश दिए। साथ ही वन अधिकारियों को वन्यजीवों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान बाली पूर्व उप प्रधान व भाजपा जिला मंत्री रीना अग्रवाल व चामुंडेरी सरपंच जसवंत मेवाड़ा भी मौजूद थे।
पैंथर कंजर्वेशन क्षेत्र में मिला पैंथर का तीन दिन पुराना शव
पाली. जिले के पैंथर कंजर्वेशन क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक पैंथर का तीन दिन पुराना शव मिला। स्थानीय लोगों ने पैंथर का शव देखने के बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इस पर उदयपुर वाइल्ड लाइफ रैंजर पुष्पेंद्रसिंह राणावत वन कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। राणावत ने बताया कि मंगलवार सुबह बीसलपुरा गांव के समीट गंगा बेरी पैंथर कंजर्वेशन की पहाड़ी के नीचे एक पैंथर का शव ग्रामीणों ने देखा था। पैंथर का शव तीन से चार दिन पुराना लग रहा है। पैंथर के शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं है। साथ ही उसकी खाल, दात व नाखुन भी सलामत थे। इससे पैंथर की मौत का कारण सामान्य माना जा रहा है। पैंथर के शव को जवाई बांध स्थित वन विभाग कार्यालय लगा गया। जहां उसका पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार करवाया गया।
Published on:
28 Feb 2018 01:23 pm
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